हमारे सौर मंडल में पृथ्वी के अलावा कई अन्य ग्रह मौजूद हैं। उन ग्रहों के क्षुद्रग्रहों से टकराव की संभावना बनी रहती है। क्षुद्रग्रहों का किसी भी ग्रह से टकराना बेहद खतरनाक होता है। क्योंकि अगर ऐसा होता है तो मानव सभ्यता और पारिस्थितिकी तंत्र भी इससे खतरे में आ जाता है। लगभग 66 मिलियन वर्ष पहले क्षुद्रग्रह का ही प्रभाव मानते हैं जिस कारण डायनासोर विलुप्त हो गए। बता दें कि एक क्षुद्रग्रह इस बार पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है। दरअसल नासा क्षुद्रग्रह के प्रक्षेप पथ की निगरानी कर रहा है, जो 220 फुट (67 मीटर) का अंतरिक्ष चट्टान है, जो 45,388 मील प्रतिघंटे की रफ्तार से पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है।
धरती की तरफ बढ़ रहा क्षुद्रग्रह
बता दें कि क्षुद्रग्रह को अपोलो समूह के हिस्से के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जो सूर्य की परिक्रमा करने वाले पृथ्वी के निकट क्षुद्रग्रहों का एक ग्रुप है। नासा की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला के मुताबिक, एनएफ 2024 पृथ्वी के सबसे करीब 17 जुलाई को होगी, जो पृथ्वी से लगभग 3 मिलियन मील यानी 4.8 मिलियन किमी की दूर से गुजरेगी। ऐसे में पृथ्वी पर इसका कोई खतरा नहीं दिखने वाला है। नासा लगातार पृथ्वी के निकट स्थित वस्तुओं पर नजर रखता है और उनके प्रक्षेप पथों का डेटाबेस बनाए रखता है। यानि किस रास्ते से कौन सा क्षुद्रग्रह होकर गुजरता है और उसका पृथ्वी पर क्या असर होता है, उसकी जानकारी रखी जाती है।
अन्य श्रुद्र ग्रह आने को तैयार
बता दें कि 150 मीटर से बड़े व्यास वाले और 4.6 मिलिनय मील यानी 7.4 मिलिनय किलोमीटर से ज्यादा नजदीक से जाने वाले क्षुद्रग्रहों के संभावित खतरनाक क्षुद्रग्रह माना जाता है। ऐसे में एनएफ 2024 काफी छोटा है और पीएचए के मानदंडों को पूरा नहीं करता है। एनएफ 2024 के अलावा नासा ने बताया कि आने वाले दिनों मेों चार अन्य क्षुद्रग्रह पृथ्वी के करीब से गुजरेंगे। क्षुद्रग्रह BY15, NJ3 और MG1। ये सभी 2.64 मिलियन मील से 3.85 मिलियन मील की दूरी से सुरक्षित रूप से गुजरने की उम्मीद है।
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