भारत और ईरान ने हाल ही में चाबहार बंदरगाह पर एक टर्मिनल के संचालन के लिए दीर्घकालिक अनुबंध पर हस्ताक्षर किया है। इस बंदरगाह को लेकर डील के बाद व्यापार करना आसान हो जाएगा और इससे एशियाई देशों में भारत की पहुंच और मजबूत हो जाएगी। हालांकि, दूसरी ओर इस डील को लेकर अमेरिका की ओर से ज्यादा सकारात्मक रुख नहीं दिखाई दिया है। अमेरिका ने इशारों में इस डील को लेकर प्रतिबंध की चेतावनी भी दी है। आइए समझते हैं ये पूरा मामला।
क्या बोला अमेरिका?
अमेरिका ने कहा है कि ईरान के साथ व्यापारिक सौदे करने वाले किसी भी देश पर प्रतिबंध लगाए जाने का खतरा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा है कि USA जानता है कि ईरान और भारत ने चाबहार बंदरगाह से जुड़े एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार चाबहार बंदरगाह और ईरान के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में अपनी विदेश नीति के लक्ष्यों पर बात करे।
प्रतिबंधों के बारे में पता होना चाहिए- अमेरिका
दैनिक संवाददाता सम्मेलन में वेदांत पटेल से चाबहार बंदरगाह को लेकर ईरान-भारत समझौते के बारे में सवाल किया गया। इस पर पटेल ने कहा कि ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू हैं और हम उन्हें बरकरार रखेंगे। कोई भी इकाई, कोई भी व्यक्ति जो ईरान के साथ व्यापारिक समझौते पर विचार कर रहा है, उन्हें संभावित जोखिम और प्रतिबंधों के बारे में पता होना चाहिए।
जल्द विकसित होगा बंदरगाह
रॉयटर्स के हवाले कहा गया है कि ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों ने इस बंदरगाह के विकास की गति को धीमा कर दिया है। मगर अब भारत के सहयोग से इसके जल्द विकसित होने की उम्मीद है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, "जब भी कोई दीर्घकालिक व्यवस्था संपन्न होगी, तो बंदरगाह में बड़े निवेश का रास्ता साफ हो जाएगा।" उन्होंने कहा कि कैबिनेट सहयोगी जहाजरानी मंत्री सर्बदानंद सोनोवाल ईरान की यात्रा पर हैं। (इनपुट: भाषा)
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