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Hindi News विदेश अमेरिका चीन से धमकी मिलने के बाद भी ताइवान का साथ देगा अमेरिका, शांत और सख्त कदम उठाने की बात कही

चीन से धमकी मिलने के बाद भी ताइवान का साथ देगा अमेरिका, शांत और सख्त कदम उठाने की बात कही

China Taiwan US: पैलोसी के ताइवान के दौरे के बाद चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने चार से सात अगस्त तक ताइवान में युद्ध की घोषणा की। बाद में, चीन की सेना ने ताइवान के आसपास युद्ध अभ्यास को बढ़ा दिया।

China Taiwan US- India TV Hindi Image Source : AP China Taiwan US

Highlights

  • ताइवान को लेकर भिड़े अमेरिका और चीन
  • नैंसी पेलोसी की यात्रा से नाराज है चीन
  • ताइवान के दौरे पर गई थीं नैंसी पेलोसी

China Taiwan US: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यालय व्हाइट हाउस ने कहा कि प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइपे यात्रा के बाद ताइवान को ‘डराने और बल प्रयोग करने’ की चीन की कार्रवाई मूल रूप से शांति और स्थिरता के लक्ष्य के विपरीत है। अमेरिका स्व-शासित द्वीप का समर्थन करने के लिए ‘शांत और दृढ़’ कदम उठाएगा। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने लंबे समय से ताइवान पर संप्रभुता का दावा करता आया है। हालांकि, बीजिंग जोर देकर कहता है कि उसका मौजूदा ‘एक-चीन सिद्धांत’ विदेशी सरकारी अधिकारियों को द्वीप पर पैर रखने से रोक लेगा।

पैलोसी के ताइवान के दौरे के बाद चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने चार से सात अगस्त तक ताइवान में युद्ध की घोषणा की। बाद में, चीन की सेना ने ताइवान के आसपास युद्ध अभ्यास को बढ़ा दिया। बीजिंग ताइवान को एक विद्रोही प्रांत के रूप में देखता है, जिसके लिए उसका मानना है कि युद्ध के जरिए इसे मुख्य भूमि के साथ फिर से जोड़ा जाना चाहिए। चीन ने बुधवार को चेतावनी दी कि बीजिंग अपने ‘एक-चीन सिद्धांत’ को लागू करने के लिए नियमित युद्ध अभ्यास को एक नए सामान्य के रूप में आयोजित करेगा।

शांति के विपरीत चीन की कार्रवाई

राष्ट्रपति के उप सहायक और भारत-प्रशांत के समन्वयक कर्ट कैंपबेल ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, ‘चीन की कार्रवाई मूल रूप से शांति और स्थिरता के लक्ष्य के विपरीत हैं। यह ताइवान के खिलाफ एक तीव्र दबाव अभियान का हिस्सा हैं, जो समाप्त नहीं हुआ है, और हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले कई सप्ताह या महीनों तक जारी रहेगा।’ उन्होंने कहा, ‘इस अभियान का लक्ष्य स्पष्ट है - ताइवान को डरा-धमका कर मजबूर करना और इसके लचीलेपन को कम करना।’

उन्होंने कहा कि अमेरिका, ‘चीन को कमजोर करने के लिए चल रहे प्रयासों के बीच ताइवान के समर्थन में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए शांत और दृढ़ कदम उठाना जारी रखेगा।’ कैंपबेल ने कहा, ‘ये कदम, कई क्षेत्रों में आने वाले कुछ सप्ताह और महीनों में सामने आएंगे। चूंकि चुनौती दीर्घकालिक है। हम लचीले या घुटने के बल नहीं होंगे बल्कि हम धैर्यवान और प्रभावी होंगे।’

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