America Warns China: ताइवान पर कब्जा जमाने की फिराक में जुटे चीन को अमेरिका ने कड़ी चेतावनी दी है। शी जिनपिंग ताइवान को चीन का हिस्सा बताते हैं और यह कह चुके हैं कि वह अपने इस क्षेत्र का विलय कराने को प्रतिबद्ध हैं, इसके लिए यदि सैन्य ताकत का इस्तेमाल भी करना पड़ा तो वह नहीं चूकेंगे। शी जिनपिंग ने अपने दावे के मुताबिक रणनीति भी बनानी शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसान चीन ताइवान पर कब्जे की साजिश रच रहा है। इधर इसकी सूचना अमेरिका को पहुंच गई है। लिहाजा अमेरिका ने चीन को साफ संदेश दे दिया है कि कब्जा तो दूर यदि ताइवान की यथा स्थिति बदलने का भी ड्रैगन ने प्रयास किया तो उसकी खैर नहीं होगी।
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चीन को क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता बनाए रखने में अहम ताइवान की यथास्थिति बदलने के खिलाफ चेताया है। ब्लिंकन ने ‘यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो’ में इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स के संस्थापक निदेशक डेविड एक्सलरोड के साथ संवाद के दौरान शुक्रवार को कहा कि पिछले कुछ वर्षों में चीन ताइवान पर सैन्य और आर्थिक दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहाकि ताइवान के संबंध में हमने पिछले कुछ साल में देखा है कि चीन ने एक फैसला किया है कि वह उस यथास्थिति को लेकर सहज नहीं है। जो कि दशकों से बरकरार है और जो हमारे देशों के बीच संबंधों और मुश्किल स्थिति के प्रबंधन के मामले में वास्तव में सफल रही है। ब्लिंकन ने कहाकि हमने पिछले कुछ वर्षों में चीन को देखा है कि वह ताइवान पर सैन्य और आर्थिक दबाव बढ़ा रहे हैं।
यथा स्थिति बदली तो खैर नहीं
अमेरिका ने चीन को साफ किया कि यदि चीन ने कब्जा करने की नीयत से ताइवान की यथास्थिति बदलने का जरा भी प्रयास किया तो उसकी खैर नहीं होगी। उन्होंने कहा कि ताइवान की यथास्थिति कारगर रही है और यह जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। चीन दुनिया के कई देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से ताइवान के संबंधों को काटने की कोशिश कर रहा है, जो कि कतई उचित नहीं है। इसलिए चीन को ताइवान पर कब्जे की नीयत को छोड़ देना चाहिए। उसे यथास्थिति बनाए रखना होगा, अन्यथा अमेरिका हस्तक्षेप करेगा।
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