America News: भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी राष्ट्रपति पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे। हाल के समय में वे अपनी उम्मीदवारी को लेकर काफी सक्रिय थे। वे लगातार प्रचार में भी जुटे थे। लेकिन अब उन्होंने ही खुद अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी को रद्द कर दिया है। वे अब चुनाव नहीं लड़ेंगे। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, रामास्वामी ने मंगलवार को खुद इसकी जानकारी दी। वे अब खुद चुनाव न लड़ते हुए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन करेंगे। विवेक रामास्वामी ने राष्ट्रपति पद की रेस से हटने का ऐलान सोमवार को किया।
रामास्वामी क्यों हटे उम्मीदवारी से?
उम्मीदवारी से हटने के ऐलान के दौरान रामास्वामी ने कहा कि मेरे लिए अब कोई रास्ता नहीं बचा है। दरअसल 15 जनवरी को रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी के लिए पहली कॉकस का आयोजन हुआ था। यह कॉकस आयोवा में हुई थी और इसमें डोनाल्ड ट्रंप को जीत मिली है। मंगलवार सुबह (भारतीय समयानुसार) अमेरिकी राज्य आयोवा में वो रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवारी का चुनाव हार गए। इसमें डोनाल्ड ट्रम्प ने भारी बहुमत के साथ जीत हासिल की। अमेरिकी मीडिया के मुताबिक, विवेक इस रेस में चौथे पायदान पर रहे।
ट्रंप के साथ मिलकर करेंगे रैली
विवेक रामास्वामी ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने की रेस से बाहर निकलते हुए कहा कि मेरे राष्ट्रपति बनने का कोई रास्ता नहीं है, इसलिए मैं अपना कैंपेन खत्म करता हूं। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, विवेक रामास्वामी कल ट्रंप के साथ अमेरिका के न्यू हैम्पशायर में रैली करेंगे।
बता दें कि कॉकस का आयोजन स्कूल, टाउन हॉल जैसी सार्वजनिक जगहों पर किया जाता है। इसमें उम्मीदवारों के चयन को लेकर रजिस्टर्ड पार्टी मेंबर्स जुटते हैं और समर्थन देने या देने पर चर्चा की जाती है। कॉकस में चुनाव लेने वाले लोग अपने डेलिगेट्स का चुनाव करते हैं, फिर ये डेलिगेट्स कन्वेंशन स्तर पर अपने उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करते हैं।
विवेक रामास्वामी कैसे आए थे सुर्खियों में?
विवेक रामास्वामी ने कहा था कि अगर वे देश के राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो वे अवैध प्रवासियों को उनके देश वापस भेज देंगे। उन्होंने दो टूक कहा था कि अमेरिका में जो भी गैरकानूनी रूप से रह रहा है, उन पर कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। उन्हें उनके देश भेजा जाएगा। हम इन अवैध प्रवासियों को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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