रूस और चीन की दोस्ती से अमेरिका अनहोनी के प्रति आशंकित हो गया है। अमेरिका का दावा है कि इन दोनों देशों का गठबंधन पूरी दुनिया के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। यूक्रेन युद्ध के आगाज के बाद से ही रूस और चीन में नजदीकियां काफी बढ़ गई हैं। बता दें कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन युद्ध के बाद से अपने पहले विदेश दौरे पर आगामी महीनों में चीन की यात्रा करने का भी ऐलान कर चुके हैं। इससे पहले शी जिनपिंग रूस की यात्रा करके पुतिन के साथ बातचीत कर चुके हैं। ऐसे में रूस और चीन के गठबंधन की गहराई को समझा जा सकता है। रूस और चीन दोनों ही महाशक्तियां हैं और इन दोनों से एक साथ निपटना अमेरिका के लिए मुश्किल काम है।
इसलिए अमेरिकी सदन की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष ने शुक्रवार को कहा कि रूसी और चीनी नेताओं की साझेदारी ने उन्हें चिंतित किया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप और प्रशांत क्षेत्र के लिए इतने बड़े पैमाने पर खतरा कभी नहीं देखा है।’’ स्वीडन की यात्रा के दौरान माइकल मैककॉल ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का गठबंधन शक्ति की होड़ में स्वतंत्र दुनिया के लिए बहुत बड़ी चुनौतियां पेश करता है।
चीन को अमेरिका दे चुका है चेतावनी
वर्ष 2023 की शुरुआत में बाइडन प्रशासन ने चीनी सरकार को यूक्रेन में रूसी युद्ध प्रयास का समर्थन करने पर ‘‘परिणाम’’ भुगतने की चेतावनी दी थी। अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजिंग ने संभवतः रूस द्वारा यूक्रेन में इस्तेमाल होने वाले उपकरण उपलब्ध कराए हैं, जिनका सैन्य इस्तेमाल किया जा सकता है। मैककॉल स्वीडन का दौरा करने वाले अमेरिकी कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे और उन्होंने स्वीडिश विदेश मंत्री टोबियास बिलस्ट्रॉम से मुलाकात की। मैककॉल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अक्टूबर तक यह देश नाटो में शामिल हो जाएगा। (एपी)
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