America Taiwan: चीन की हैकड़ी निकालने के लिए अमेरिका ने ताइवान को मदद देने की घोषणा की है। ताइवान पर हाल के समय में चीन ने काफी प्रेशर बना रखा है। कभी सैन्याभ्यास तो कभी मिसाइल छोड़ना, ऐसी हरकतों से ताइवान को डराने की कोशिश की है। ऐसे में ताइवान की रक्षा के लिए अमेरिका साथ खड़ा है। यही बात चीन को रास नहीं आ रही है। अब अमेरिका ने ताइवान और चीन से बढ़ते तनाव के बीच ताइवान की रक्षा को बढ़ावा देते हुए उसे 1.1 बिलियन डॉलर के नए हथियारों के पैकेज की घोषणा की है। यह बड़ी घोषणा अमेरिकी सांसद नैंसी पेलोसी की पिछले दिनों ताइवान यात्रा के बाद दी गई है। दरअसल, नैंसी की यात्रा का चीन ने विरोध किया था और अमेरिका व ताइवान को धमकाया था। तब चीन ने अमेरिका व ताइवान को इसके बुरे अंजाम भुगतने की धमकी तक दे डाली थी। यही नहीं, चीन ने अगले दिन से ही ताइवान की सीमा पर युद्ध अभ्यास शुरू कर दिया था। अभी भी चीन ताइवान के बीच तनाव का माहौल है और कभी भी युद्ध शुरू होने की आशंका बनी रहती है। इस खतरे के बीच अमेरिका की यह मदद ताइवान के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
ताइवान की सैन्य ताकत बढ़ाने के लिए अमेरिका दे रहा राशि
पैकेज में दुश्मनों की ओर से आने वाली मिसाइलों को ट्रैक करने में ताइवान की मदद करने के लिए एक प्रारंभिक रडार चेतावनी प्रणाली के लिए 665 मिलियन डॉलर और 60 उन्नत हार्पून मिसाइलों के लिए 355 डॉलर का खर्च किया जा रहा है। अमेरिका का कहना है कि चीन की ताइवान के खिलाफ सैन्य, राजनयिक व आर्थिक दबाव को रोकने के लिए वह ताइवान को इतनी बड़ी राशि दे रहा है।
ताइवान को बड़ी मदद की घोषणा से छूटे चीन के पसीने
इसी बीच ताइवान और चीन के बीच तनाव जारी है। चीन लगातार ताइवान के इलाके में सैन्य गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। हाल ही में ताइवान की सीमा में चीन का ड्रोन घुस आया। हालांकि ताइवान भी चीन की चुनौतियों पर उसे उसी कड़क भाषा में जवाब दे रहा है। यही कारण है कि चीनी ड्रोन घ्ुसने पर ताइवान की सेना ने चीनी ड्रोन पर गोली चला दी। ताइवान इसे अपनी तरफ से चेतावनी कार्रवाई बता रहा है। ताइवानी सेना ने कहा कि उसने चीनी तट के नजदीक स्थित उसकी चौकियों के ऊपर उड़ रहे चीनी ड्रोन पर चेतावनी स्वरूप गोलीबारी की है। ताइवान का संकल्प है कि वह उकसाने वाले चीन के किसी भी कदम का जवाब देगा।
चीन के तट से 15 किमी दूर उड़ रहा था ड्रोन
ताइवानी सेना ने यहां जारी बयान में कहा कि बल ने यह कदम मंगलवार को किनमैन द्वीप समूह के ऊपर ड्रोन को उड़ते हुए देखने के बाद उठाया। इस द्वीपसमूह के जिस डडान द्वीप के ऊपर ड्रोन उड़ रहा था वह चीन के तट से करीब 15 किलोमीटर दूर है। बयान के मुताबिक गोलीबारी के बाद ड्रोन नजदीकी चीनी शहर शियामैन लौट गया। यह घटना इस महीने की शुरुआत में चीन द्वारा समुद्र में मिसाइल दागने, लड़ाकू विमान और पोत भेजने के बाद बढ़े तनाव के बाद हुई है।
उल्लेखनीय है कि अगस्त महीने की शुरुआत में अमेरिकी प्रतिनिधि नैंसी पेलोसी की ताइपे यात्रा के बाद से ताइवान पर चीन की ओर से सैन्य दबाव बनाया जा रहा है।
चीन को ताइवान से क्या है दिक्कत?
चीन के सैन्याभ्यास का ातइवान के प्रमुख सहयोगी अमेरिका के साथ ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसे देशों ने कड़ी आलोचना की थी। पिछले दिनों चीन द्वारा दागी गई कुछ मिसाइलें जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र में भी गिरी थीं। ताइवान का ताइवान जलडमरुमध्य स्थित किनमैन और मात्सु द्वीप समूहों पर नियंत्रण है। इस बीच अमेरिकी राज्य एरिजोना के गवर्नर डौग ड्यूसी सेमीकंडक्टर उत्पादन पर चर्चा करने के लिए ताइवान की यात्रा पररहे। उनकी कोशिश ताइवानी आपूर्तिकर्ताओं को ताइवान सेमीकंडक्टर मैनुफैक्चरिंग कॉरपोरेशन की 12 अरब डॉलर की नयी इकाई एरिजोना में लगाने के लिए मनाने की है। पिछले सप्ताह इसी उद्देश्य से इंडियाना राज्य के गवर्नर ने भी ताइवान की यात्रा की थी।
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