जिनेवा: जिनेवा में प्रौद्योगिकी को लेकर हुई बैठक के एक दिन बाद अमेरिका के अधिकारियों ने चीन की तरफ से ‘‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दुरुपयोग’’ को लेकर चिंता व्यक्त की। इसके जवाब में वहीं बीजिंग के प्रतिनिधियों ने ‘‘प्रतिबंधों और दबाव’’ को लेकर अमेरिका की आलोचना की है। उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिययों के बीच बंद कमरे में हुई बातचीत में एआई के जोखिमों और इसे प्रबंधित करने के तरीकों को शामिल किया गया था। इस बातचीत के बाद जिस तरह के संकेत मिल रहे हैं उससे साफ है कि एआई को लेकर चीन और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ गया है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर बढ़ा गतिरोध
अमेरिका और चीन के बीच पहले से ही कई मसलों पर गतिरोध रहा है और अब यह द्विपक्षीय संबंधों में टकराव का एक और मुद्दा बन गया है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने एक बयान में कहा, चीन और अमेरिका ने "स्पष्ट और रचनात्मक" चर्चा में "एआई सुरक्षा और जोखिम प्रबंधन के लिए अपने-अपने दृष्टिकोण का आदान-प्रदान किया"। बीजिंग ने कहा कि दोनों पक्षों ने "गहनता के साथ पेशेवर और रचनात्मक रूप से" विचारों का आदान-प्रदान किया।
विस्तार से नहीं दी गई जानकारी
एआई पर इस तरह की पहली अमेरिका-चीन वार्ता सैन फ्रांसिस्को में राष्ट्रपति जो बाइडेन और शी जिनपिंग के बीच नवंबर में हुई बैठक का परिणाम थी। वॉट्सन ने चीन का जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिका ने एआई के दुरुपयोग पर चिंता व्यक्त की है। उसके मुताबिक दुरुपयोग करने वालों में चीन भी शामिल है। उन्होंने हालांकि इस बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी कि यह दुरुपयोग किस प्रकार का है। कुछ अमेरिकी सांसदों ने चिंता व्यक्त की है कि चीन राजनीतिक दुष्प्रचार के लिए एआई-डीपफेक के उपयोग का समर्थन कर सकता है। (एपी)
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