जी-20 की सफलता के लिए अमेरिका ने की भारत की तारीफ, 'भारत-यूरोप कॉरिडोर' को बताया बड़ी कामयाबी
जी20 समिट हाल ही में नई दिल्ली में संपन्न हुई। इसमें भारत साझा घोषणापत्र सर्वसम्मति से पारित कर भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल की। अमेरिका ने भी जी20 समिट पर भारत की सफलता पर तारीफ की है। जानिए अमेरिका ने तारीफ में और क्या क्या कहा?
America on G20 Summit: भारत में हाल ही में जी20 समिट का सफल आयोजन हुआ। इस समिट के बहाने भारत की दुनिया में धाक बढ़ी। भारत की छवि दुनियाभर में तेजी से विकसित होने की दिशा में बढ़ते राष्ट्र के रूप में बनी। भारत की इस कामयाबी की अमेरिका ने भी प्रशंसा की है। इस समिट को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पहले से ही उत्साहित थे। बाइडेन ने इस समिट में हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और जो बाइडेन के बीच अच्छी केमेस्ट्री देखने को मिली। इसी बीच अमेरिका ने जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए भारत की सराहना की और इसे एक बड़ी ‘सफलता’ करार दिया है। यही नहीं, अमेरिका ने ‘भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा’ की भी सराहना की, जो यूरोप से एशिया तक और दोनों महाद्वीपों में आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करेगा।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर’ एक ऐतिहासिक कदम है। हमें लगता है कि इससे यूरोप से एशिया तक संपर्क के एक नए युग की शुरुआत होगी जो दोनों महाद्वीपों में आर्थिक वृद्धि, आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करेगा। साथ ही एनर्जी और डिजिटल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में भी सहयोग करेगा।’ मिलर ने हाल ही में नई दिल्ली में संपन्न जी20 शिखर सम्मेलन को एक बड़ी कामयाबी करार दिया।
नई दिल्ली घोषणापत्र को लेकर अमेरिका ने कही ये बात
उन्होंने जी20 सदस्य देशों की ओर जारी बयान के संबंध में कहा, ‘जी20 एक बड़ा संगठन है। रूस जी20 का सदस्य है, चीन जी20 का सदस्य है। ये ऐसे सदस्य हैं जिनके विचार अलग अलग हैं। हम इस तथ्य पर विश्वास करते हैं कि संगठन एक ऐसा बयान जारी करने में सक्षम था जो क्षेत्रीय अखंडता तथा संप्रभुता का सम्मान करने का आह्वान करता है, साथ ही कहता है कि इन सिद्धांतों का उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिए। यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण बयान है क्योंकि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की मूल वजह यही है।’
खेती से जुड़े उत्पादों पर शुल्क कम करने का किया स्वागत
मिलर ने कहा, ‘इसलिए हमें लगता है कि यह अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण बयान है। आपने सऊदी अरब और भारत के बीच नई आर्थिक व्यवस्थाओं के बारे में जी20 में की गई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी देखीं, जिसका अमेरिका एक हिस्सा है।’ अमेरिका ने साथ ही खेती से जुड़े उत्पादों पर शुल्क कम करने के भारत के कदम को भी सराहा। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि शुल्क कटौत से से बाजार में अमेरिकी कृषि उत्पादकों के लिए अवसर और उजले होंगे और उनका विस्तार भी होगा। साथ ही अमेरिका से भारत में ग्राहकों के लिए अधिक उत्पाद लाने में मदद मिलेगी।
जी20 समिट से दुनिया में बढ़ी भारत की धाक
जी20 समिट भारत के लिहाज से काफी कामयाबी वाला रहा। जहां एक ओर भारत ने अफ्रीकी देशों के संगठन को जी20 देशों के समूह में शामिल करा लिया। वहीं सर्वसम्मति से नई दिल्ली घोषणापत्र पारित करा दिया। यही नहीं, घोषणापत्र में रूस यूक्रेन की जंग को लेकर रूस को कटघरे में न खड़ा करना, यह भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक उपलब्धियों वाला रहा। भारत के इस कदम से रूस भी हैरान हो गया। रूसी विदेश मंत्री ने भी भारत के इस कदम की सराहना की। यहां तक कि इस मामले में चीन ने भी जी20 को सराहा और सफल आयोजन पर चीनी सरकार के मुखपत्र 'ग्लोबल टाइम्स' ने तारीफ की।
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