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Hindi News विदेश अमेरिका सैन्य नेटवर्क में चीनी वायरस की आशंका से घबराया अमेरिका, बचने के लिए बाइडन सरकार कर रही यह कोशिश

सैन्य नेटवर्क में चीनी वायरस की आशंका से घबराया अमेरिका, बचने के लिए बाइडन सरकार कर रही यह कोशिश

अमेरिकी सैन्य नेटवर्क में मालवेयर की खोज ने इस संदेह को जन्म दिया है कि संभवतः पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के लिए काम करने वाले चीनी हैकर हाल के दिनों में व्हाइट हाउस तक पहुंच गए हैं।

सैन्य नेटवर्क में चीनी वायरस की आशंका से घबराया अमेरिका- India TV Hindi Image Source : FILE सैन्य नेटवर्क में चीनी वायरस की आशंका से घबराया अमेरिका

America-China: अमेरिका और चीन के बीच फिलहाल सीधा युद्ध तो नहीं है, लेकिन जो कारस्तानी चीन कर रहा है उससे चीन और अमेरिका के बीच रिश्ते और तल्ख होते दिखाई दे रहे हैं। ताजा मामला अमेरिका के सैन्य नेटवर्क में चीनी वायरस की आशंका का है। जानकारी के अनुसार अपने सैन्य नेटवर्क में चीनी वायरस की मौजूदगी से अमेरिका घबरा गया है। अमेरिका का मानना है कि चीन ने यह कम्प्यूटर कोड सैन्य नेटवर्क में इसलिए फिट किया है, ताकि युद्ध की स्थिति में वह अमेरिकी सैन्य अभियानों को बाधित कर सके। इसके बाद राष्ट्रपति बाइडन के प्रशासन ने कम्प्यूटर कोड की खोज शुरू कर दी है। 

द न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट में बताया कि इससे पहले दिग्गज आईटी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने गुआम के टेलीकम्युनिकेशंस सिस्टम में रहस्यमय कम्प्यूटर कोड का पता लगाने का दावा किया था। बता दें कि गुआम में अमेरिका का बड़ा सैन्य ठिकाना है। कंपनी का दावा था कि यह कम्प्यूटर कोड अमेरिका के अन्य सैन्य ठिकानों में भी हो सकता है। हालांकि, वाशिंगटन स्थित चीनी दूतावास ने रिपोर्ट का खंडन किया है। वहीं, मालवेयर की खोज ने इस संदेह को जन्म दिया है कि संभवतः पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के लिए काम करने वाले चीनी हैकर हाल के दिनों में व्हाइट हाउस तक पहुंच गए हैं। 

भारत पर साइबर हमले करने में पीछे नहीं है चीन

चीन इस तरह से सायबर हमले कर रहा है, यह कोई पहली बार नहीं है, और यह भी पहली बार नहीं है कि चीन ने सिर्फ अमेरिका के सैन्य नेटवर्क पर ही वायरस हमला किया हो। चीन इस ​तरह के साइबर हमले भारत पर भी कर चुका है। भारत पर साइबर हमलों में चीनी संलिप्तता कई बार सामने आ चुकी है। साल 2015 में संसद में सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने बताया था कि जिन देशों से भारत की साइबर सुरक्षा को खतरा है, उनमें चीन पहले स्थान पर है। साइबर हमलों पर नजर रखने वाली संस्था इंडिया फ्यूचर फाउंडेशन ने एक रिपोर्ट में कहा था कि जब भी भारत में कोई बड़ी घटना होती है, उसके बाद देश पर साइबर हमले तेज हो जाते हैं।

व्यापार पर भी पड़ता है बुरा असर

साइबर हमले से होने वाला नुकसान कम नहीं होता है। अमेरिकी संसद के एक अधिकारी ने मालवेयर की तुलना टाइम बम से की है। उन्होंने कहा कि यह मालवेयर चीन को अमेरिकी सैन्य ठिकानों की बिजली, पानी व संचार प्रणाली को ठप करने तथा वाशिंगटन के सैन्य अभियानों को प्रभावित करने की शक्ति प्रदान करेगा। यह कारोबार को भी बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। 

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