"अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों"...युद्ध में भेजने के लिए यूक्रेनी युवाओं की फौज ट्रेंड कर रहा अमेरिका
अब तक इस युद्ध में हजारों यूक्रेनी सैनिकों की जान जा चुकी है। ऐसे में अब वतन की रखवाली की जिम्मा भी यूक्रेनी युवाओं के कंधों पर आ चुका है, जिन्होंने कभी गोली,बंदूकों और तोपों का सामना नहीं किया। उनके अग्रज तो यह कहकर शहीद हो गए कि "कर चले हम फिदा जान-ए-तन साथियों, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों"..
Russia-Ukraine War: क्या फरवरी 2023 ही रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का फाइनल और आखिरी महीना साबित होने वाला है, क्या फरवरी 2022 में शुरू हुआ युद्ध अब इस वर्ष की फरवरी में ही खत्म हो जाएगा, क्या रूस यूक्रेन को हार मानने के लिए अब विवश कर देगा, क्या रूस के सामने अब यूक्रेन को घुटने टेकने पड़ सकते हैं?... इत्यादि ऐसे सवाल हैं जो यूक्रेन में हाल ही के भीषण रूसी हमलों के बाद उठ खड़े हुए हैं। यूक्रेन का खुफिया विभाग ही नहीं, बल्कि विश्व की अन्य खुफिया एजेंसियां भी रूस के घातक आक्रमण से घबरा गई हैं। अब सभी की भविष्यवाणी एक है कि रूस फरवरी में युद्ध को फाइलन कर देगा। विश्व को आशंका है कि इस युद्ध में यूक्रेन को पराजय झेलनी पड़ सकती है।
अब तक इस युद्ध में हजारों यूक्रेनी सैनिकों की जान जा चुकी है। ऐसे में अब वतन की रखवाली की जिम्मा भी यूक्रेनी युवाओं के कंधों पर आ चुका है, जिन्होंने कभी गोली,बंदूकों और तोपों का सामना नहीं किया। उनके अग्रज तो यह संदेश देकर शहीद हो गए कि "कर चले हम फिदा जान-ए-तन साथियों, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों"...अपने अग्रजों का यह संदेश शायद यूक्रेन की आगामी पीढ़ी समझ भी चुकी है। तभी वह वतन की रक्षा के लिए युद्ध में जाने को तैयार हैं। वतन की रक्षा के लिए उनका अग्रजों का संदेश यूक्रेनी युवाओं के अंदर देशभक्ति का जज्बा तो जगा ही रहा है। साथ ही उनकी आंखों में भावुकता के आंसू भी बहा रहा है। अपने वतन पर मर-मिटने को तैयार इन यूक्रेनी युवाओं को अब अमेरिका जर्मनी में 2 महीने का विशेष प्रशिक्षण देकर रूस से लोहा लेने के काबिल बना रहा है। क्योंकि यूक्रेन में युद्ध के चलते प्रशिक्षण देना संभव नहीं है।
दो महीने में रूस से खिलाफ तैयार होंगे 500 यूक्रेनी लड़ाके
अमेरिका के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल मार्क मिले ने कहा कि अमेरिकी सेना ने यूक्रेनी बलों का एक नया व विस्तारित युद्ध प्रशिक्षण रविवार से जर्मनी में शुरू किया, जिसका मकसद अगले पांच से आठ सप्ताह में रूसियों से लड़ने के लिए करीब 500 सैनिकों की एक बटालियन को तैयार करना है। मिले की सोमवार को ग्रैफेनवोहर प्रशिक्षण क्षेत्र का दौरा करने की योजना है। वह इस प्रशिक्षण की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षित किए जा रहे सैनिक कुछ दिन पहले यूक्रेन से निकले थे। जर्मनी में उनके प्रशिक्षण के लिए हथियारों और उपकरणों का एक पूरा जखीरा मौजूद है। अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन ने अभी तक इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी थी कि यह प्रशिक्षण कब शुरू होगा। इस तथाकथित संयुक्त हथियार प्रशिक्षण का मकसद यूक्रेनी बलों के कौशल को बढ़ाना है ताकि वे हमला करने या रूसी हमलों का मुकाबला करने के लिए बेहतर ढंग से तैयार हों।
तोपों, टैंकों और अन्य युद्धक हथियारों की होगी ट्रेनिंग
अमेरिका इन यूक्रेनी युवाओं को तोपों, हथियारों का विशेष प्रशिक्षण दे रहा है। ताकि वह थल सेना का इस्तेमाल करके युद्ध में अपनी टुकड़ियों और बटालियन के साथ बेहतर ढंग से समन्वय स्थापित करना सीख सकेंगे। मिले ने उनके साथ यूरोप की यात्रा कर रहे दो पत्रकारों से कहा कि इस जटिल प्रशिक्षण में यूक्रेन ले जाए जाने वाले नए हथियार, तोपें, टैंक और अन्य वाहन शामिल हैं जो देश की सेना को उस क्षेत्र को वापस लेने में मदद करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे जिस पर रूस ने कब्जा कर लिया है। मिले ने कहा, ‘‘यूक्रेन को खुद की रक्षा करने में सक्षम बनाने के लिए यह मदद बेहद महत्वपूर्ण है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि बिना किसी विलंब हम इसे पूरा कर पाएंगे। हमारा मकसद मदद के लिए दिए जा रहे हथियारों व उपकरणों को यूक्रेन पहुंचाना है। ताकि नए प्रशिक्षित बल वसंत की बारिश से पहले’’ इसका इस्तेमाल कर सकें।