वाशिंगटन: अमेरिका ने रूस पर लगे प्रतिबंधों का दायरा बढ़ाते हुए 300 से अधिक नए प्रतिबंध लगाए हैं, जिनका मकसद मोटे तौर पर चीन, संयुक्त अरब अमीरात और तुर्की समेत विभिन्न देशों के व्यक्तियों व कंपनियों को रूस की सहायता करने से रोकना है। अमेरिका ने यह कदम इटली में होने वाले G7 शिखर सम्मेलन से पहले उठाया है, जिसमें यूक्रेन के लिए समर्थन बढ़ाना और रूस की युद्ध मशीनरी को खत्म करना शीर्ष प्राथमिकताएं होंगी।
निशाने पर चीनी कंपनियां
बुधवार को लगाए गए प्रतिबंधों में उन चीनी कंपनियों को निशाना बनाया गया है, जो यूक्रेन के खिलाफ जंग में रूस की मदद कर रही हैं। अमेरिका युद्ध शुरू होने के बाद से चार हजार रूसी कंपनियों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगा चुका है, जिसका मकसद रूस को मिलने वाले धन और हथियारों पर रोक लगाना है।
'रूस के खिलाफ चलने वाली निरंतर प्रक्रिया'
विदेश विभाग के आर्थिक प्रतिबंध नीति एवं कार्यान्वयन निदेशक एरन फोर्सबर्ग ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा, “पुतिन एक बहुत ही सक्षम प्रतिद्वंद्वी हैं, जो सहयोगियों को खोजने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि रूस के खिलाफ प्रतिबंध निरंतर चलने वाली प्रक्रिया हैं।
प्रतिबंधों के पीछे का मकसद
बुधवार को लगाए गए प्रतिबंधों में रूस और उसके युद्ध आपूर्तिकर्ताओं के बीच 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक के व्यापार को निशाना बनाया गया है। इन 300 से अधिक नए प्रतिबंधों का मुख्य उद्देश्य चीन, संयुक्त अरब अमीरात और तुर्की समेत विभिन्न देशों के व्यक्तियों व कंपनियों को रूस की सहायता करने से रोकना है। (एपी)
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