वाशिंगटन: अमेरिका में कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन इस समय काफी प्रभावी होता जा रहा है और एक अनुमान के अनुसार जनवरी से मार्च के बीच इसकी वजह से 14 करोड़ लोग संक्रमित होंगे लेकिन उनके लक्ष्ण गंभीर नहीं होंगे।
इस समय अमेरिका में ओमिक्रॉन के 73 प्रतिशत से अधिक केस देखने को मिल रहे हैं। वाशिंगटन विश्वविद्यालय के हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवेल्युएशन इंस्टीट्यूट के नए मॉडल के अनुसार जनवरी से मार्च के बीच संक्रमणों में इजाफा होगा लेकिन लोगों में अधिक गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिलेंगे और डेल्टा वेरिएंट की तुलना में बहुत कम लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ेगी तथा लोगों की मौत का आंकड़ा भी कम होगा।
इसमें कहा गया कि कोविड की पीक जनवरी के अंत तक आ सकती और उस समय प्रतिदिन 28 लाख मामले देखे जा सकते हैं। इसके अध्यक्ष डा. क्रिस मुर्रे ने बताया कि हम संक्रमण दर में इजाफा होने का अनुमान लगा रहे हैं।
जॉन हापकिंस के आंकड़ों के अनुसार पिछले वर्ष जनवरी में कोरोना की पीक आई थी और उस समय प्रतिदिन 250,000 से अधिक मामले देखे गए थे। इस महामारी के शुरू होने के बाद से अब तक देश में कोरोना के पांच करोड़ से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है।
इसमें कहा गया है कि विश्व में अगले दो महीनों में तीन अरब संक्रमण सामने आ सकते हैं और कोरोना की पीक मध्य जनवरी में आ सकती है जब प्रतिदिन साढ़े तीन करोड़ से अधिक नए मामलों का अनुमान है।
शोधकर्ताओं का अनुमान है कि डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रोन की वजह से लोगों के संक्रमण-अस्पताल में भर्ती होने की दर 90 से 96 प्रतिशत कम रहेगी और संक्रमण-मृत्यु दर भी 97 से 99 प्रतिशत कम रहेगी। मुर्रे ने कहा कि फ्लू संक्रमण की तुलना में ओमिक्रॉन कम घातक रहेगा, लेकिन इसकी संक्रमण दर काफी ज्यादा होगी।
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