न्यूयॉर्क: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि कोविड-19 के लिए अपने कोवैक्सिन टीके को आपात उपयोग वाली सूची (ईयूएल) में शामिल कराना चाह रही भारत बायोटेक से और अधिक जानकारी प्राप्त करने की जरूरत है। डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट पर 18 मई को जारी डब्ल्यूएचओ की ईयूएल मूल्यांकन प्रक्रिया में कोविड-19 टीकों की स्थिति पर ताजा दिशा-निर्देश रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत बायोटेक ने 19 अप्रैल को ईओआई (रुचि पत्र) जमा किया था तथा उससे अभी और जानकारी चाहिए।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, टीकों के आपात उपयोग की प्रक्रिया के लिए सूचीबद्ध करने के लिहाज से अनुमति देने के आवेदन गोपनीय होते हैं। एजेंसी के अनुसार, यदि मूल्यांकन के लिए जमा किया गया कोई दस्तावेज सूची में शामिल करने के मानदंड को पूरा करता पाया जाता है तो डब्ल्यूएचओ व्यापक परिणाम जारी करेगा।
इस बीच हैदराबाद स्थित भारत बायोटक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) ने सरकार से कहा है कि उसने कोवैक्सिन टीके को आपात उपयोग सूची (ईयूएल) में शामिल कराने के लिए डब्ल्यूएचओ को 90 प्रतिशत दस्तावेज जमा कर दिये हैं। नयी दिल्ली में सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
सूत्रों के अनुसार, भारत बायोटेक ने केंद्र सरकार से कहा कि शेष दस्तावेज जून तक जमा किये जा सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि ईयूएल पर बीबीआईएल के साथ बैठक में कंपनी के प्रबंध निदेशक वी. कृष्ण मोहन और उनके सहयोगी तथा स्वास्थ्य मंत्रालय, जैवप्रौद्योगिकी विभाग तथा विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला भी बैठक में शामिल हुए।
सूत्रों के हवाले से खबर ये भी है कि कोवैक्सीन को पहले 11 देशों से रेग्युलेटरी अप्रूवल मिल चुका है। इसके अलावा यूएस एफडीए के साथ भारत बायोटेक की बातचीत आखिरी चरण में है। ये फाइनल हो जाने के बाद यूएस में छोटे स्तर पर वैक्सीन का फेस-3 ट्रायल शुरू किया जाएगा। इसके अलावा कंपनी ब्राजील और हंगरी में कोवैक्सीन के उत्पादन के लिए रेग्युलेटरी अप्रूवल पाने की प्रक्रिया में ज्यादातर दस्तावेज़ जमा किए जा चुके हैं।
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