‘‘हमें पाकिस्तान से भविष्य में सहयोग मिलने की उम्मीद है’’: गोल्डस्टीन
अमेरिका ने आज उम्मीद जताई कि पाकिस्तान ‘‘बातचीत की मेज पर आएगा’’ और उन आतंकवादी समूहों का ‘‘आक्रामकता’’ से सामना करने की इच्छा दर्शाएगा जो उसकी जमीन से अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।
वाशिंगटन: अमेरिका ने आज उम्मीद जताई कि पाकिस्तान ‘‘बातचीत की मेज पर आएगा’’ और उन आतंकवादी समूहों का ‘‘आक्रामकता’’ से सामना करने की इच्छा दर्शाएगा जो उसकी जमीन से अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। अमेरिका ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब ऐसी रिपोर्ट सामने आ रही हैं कि इस्लामाबाद ने अमेरिका के साथ सैन्य एवं खुफिया सहयोग रोक दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया था कि उसने अमेरिका को ‘‘झूठ और धोखे’’ के अलावा कुछ नहीं दिया तथा उन्होंने उसे दी जाने वाली करीब दो अरब डॉलर की सुरक्षा सहायता रोक दी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप के इस बयान के बाद पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ सैन्य एवं खुफिया सहयोग रोकने का निर्णय लिया है। (शीतकालीन ओलंपिक खेलों में उत्तर कोरिया के भाग लेने के फैसले का अमेरिका ने किया स्वागत )
पाकिस्तान के इस कथित कदम पर टिप्पणी करने के लिए कहने पर अमेरिका के उप विदेश मंत्री स्टीव गोल्डस्टीन ने कहा, ‘‘हमें पाकिस्तान से भविष्य में सहयोग मिलने की उम्मीद है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम कोई फर्क किए बिना सभी आतंकवादियों से निपटने में पाकिस्तान के साथ काम करने को लेकर तैयार हैं और हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान अपनी जमीन से गतिविधियों को अंजाम देने वाले तालिबान नेटवर्क, हक्कानी नेटवर्क और आतंकवादी समूहों का आक्रामकता से सामना करने की इच्छा दर्शाएगा तथा इससे हमारे द्विपक्षीय सुरक्षा संबंध गहरे होंगे।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका इस मामले को लेकर स्पष्ट रहा है। गोल्डस्टीन ने कहा, ‘‘हम चाहेंगे कि पाकिस्तान बातचीत की मेज पर आए और इस प्रयास में हमारी मदद करे।’’
उन्होंने कहा कि सुरक्षा सहायता को रद्द नहीं किया गया है, बल्कि रोका गया है। अमेरिका ने गुरुवार को घोषणा की थी कि वह पाकिस्तान को सैन्य उपकरण मुहैया नहीं कराएगा और सुरक्षा संबंधी कोष हस्तांतरित नहीं करेगा। पेंटागन के प्रवक्ता ने सोमवार को कहा था कि अमेरिका ने करोड़ों डॉलर की सहायता हासिल करने के लिए पाकिस्तान से आतंकवादी समूहों के खिलाफ ‘‘ठोस कदम’’ उठाने को कहा है। पाकिस्तान में अमेरिका के राजदूत के साथ अपनी वार्ता का जिक्र करते हुए गोल्डस्टीन ने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका के प्रयासों में शामिल होगा। उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान के लोगों ने आतंकवाद के कारण काफी कुछ सहा है और उसके सुरक्षाबल पाकिस्तान के हित को निशाना बनाने वाले समूहों से निपटने में प्रभावी रहे हैं। यह उनके लिए भी लाभकारी होगा कि वे इस समस्या से निपटने में हमारी मदद करें।’’