वाशिंगटन: कैपिटल बिल्डिंग में अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों की हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा कि हिंसा की कभी जीत नहीं होती, हमेशा आजादी की जीत होती है। हिंसा के बाद कांग्रेस के नए राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडन के नाम पर मोहर लगाने की संवैधानिक प्रक्रिया के लिए एक बार फिर इकट्ठे होने पर पेंस ने यह बयान दिया। अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हजारों समर्थक कैपिटल बिल्डिंग में घुस गए और पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल भी हुए हैं। घटना के समय तीन नवम्बर को हुए चुनाव में जो बाइडन की जीत पर मोहर लगाने की संवैधानिक प्रक्रिया चल रही थी।
कांग्रेस के संयुक्त सत्र के एक बार फिर शुरू होने के बाद पेंस ने कहा, ‘‘ हम यहां हुई हिंसा की कठोरतम शब्दों में निंदा करते हैं। हम मारे गए लोगों और साथ ही अपने कैपिटल की रक्षा करते समय घायल हुए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। इस ऐतिहासिक स्थान की रक्षा करने के लिए डटे रहे सभी पुरुषों और महिलाओं के हम हमेशा आभारी रहेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ कैपिटल में आज हंगामा करने वालों, तुम जीते नहीं हो। हिंसा कभी नहीं जीतती। जीत आजादी की होती है। और यह अब भी जनता का सदन है।’’
पढ़ें- यूएस कैपिटोल में 'lockdown', पुलिस एवं ट्रंप समर्थकों के बीच हुई झड़प, ट्रंप बोले- नहीं करेंगे हार स्वीकार
पेंस ने कहा, ‘‘ सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर, दुनिया फिर से हमारे लोकतंत्र की ताकत देखेगी, कैपिटल में इस अप्रत्याक्षित हिंसा और हमले के बीच भी अमेरिका के लोगों के चुने प्रतिनिधि अमेरिका के संविधान की रक्षा करने और उसका समर्थन करने के लिए उसी दिन यहां दोबारा एकत्रित हुए हैं।’’
पढ़ें- अमेरिका में हिंसक घटनाओं पर पीएम मोदी का बड़ा बयान, 'गैरकानूनी विरोध से खत्म नहीं की जा सकती लोकतांत्रिक प्रक्रिया'
इससे पहले, डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को पेंस को भी फटकार लगाई थी। पेंस ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अवहेलना करते हुए कहा था कि उन्हें निर्वाचक मंडल के मतों को खारिज करने की एकतरफा शक्ति प्राप्त नहीं है। सीनेट में बहुमत के नेता मिच मैककोनेल ने कहा कि अमेरिकी सीनेट इस हमले से धमकाया नहीं जा सकता। सीनेटर चक ग्रासली ने कहा कि सांसदों को उनके संवैधानिक कर्तव्य निभाने से रोकने के लिए हिंसा का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। वहीं सीनेटर टॉम कारपर के अनुसार, हिंसक भीड़ को ‘‘ देश के लोकतंत्र पर हमला करने के लिए अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति ने भड़काया।’’
इनपुट-भाषा
Latest World News