वाशिंगटन: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने कहा है कि अमेरिका ने पाकिस्तान को इस बात से अवगत करा दिया है कि वह चाहता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाक पूरा सहयोग करे क्योंकि यह अमेरिका के लिए ‘‘असाधारण महत्व’’ का मामला है। पिछले सप्ताह पाकिस्तान के दौरे पर आये विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने प्रधानमंत्री इमरान खान की अगुवाई वाली पाकिस्तानी की नयी सरकार पर देश की धरती से संचालित होने वाली आतंकी समूहों पर लगाम लगाने के लिए ‘और अधिक करने’ का दबाव बनाया। ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में इस्लामाबाद को दी जाने वाली 30 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता रद्द कर दी है। ऐसा आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई में पाकिस्तान के विफल रहने के कारण किया गया है। (व्हाइट हाउस ने वुडवॉर्ड की किताब को 'बेकार' बताया, कहा- इसमें किये गए दावों को 'अपमानजनक' )
बोल्टन ने सोमवार को वाशिंगटन में एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘वह (पोम्पियो) संदेश देना चाहते थे कि हम उम्मीद करते हैं और अपेक्षा रखते हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरा सहयोग करेगा, जो करने के लिए वह प्रतिबद्ध हैं।’’ फेडरलिस्ट सोसाइटी फॉर लॉ एंड पब्लिक पॉलिसी स्टडीज में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह (आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई) ‘‘अमेरिका के लिए असाधारण महत्व’’ का मामला है और उम्मीद है कि नयी पाकिस्तान सरकार इस पर ध्यान देगी। उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरे समय से पहले हुआ लेकिन ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को सैन्य सहायता पैकेज में कटौती करने का निर्णय हल्के में नहीं लिया।’’
बोल्टन ने कहा, ‘‘यह भली भांति जानकर किया गया है कि पाकिस्तान एक परमाणु हथियार संपन्न देश है । खतरा है कि सरकार आतंकवादियों के हाथों में पड़ सकती है, जो उन परमाणु हथियारों पर नियंत्रण कर लेंगे जो खास तौर से गंभीर मामला है।’’ इस साल की शुरूआत में ट्रंप ने पाकिस्तान को सभी सैन्य सहायता रोकने का आदेश दिया था और दलील दिया था कि वह आतंकवादी समूहों के खिलाफ संतोषजनक कार्रवाई करने में विफल रहा है।
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