वाशिंगटन: अमेरिका ने आज देश में स्थित तीन रूसी कूटनीतिक मिशनों की इमारतों का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है। इससे पहले अधिकारियों ने पुष्टि की थी कि रूसी लोगों ने दो दिन के भीतर वहां से निकल जाने के अमेरिकी आदेश का पालन किया है। क्रेमलिन अमेरिका के इस कदम को गलत बताते हुए वाशिंगटन पर दबंगई वाली तरकीबें अपनाने का आरोप लगा रहा है। उधर अमेरिका का कहना है कि रूस के ये आरोप गलत हैं कि उसके अधिकारियों ने रूस के एक केंद्र का प्रवेश द्वार तोड़ देने की धमकी दी थी और एफबीआई परिसर को खाली करवा रहा है। (ट्रंप ने दोबारा किया टेक्सास का दौरा, तूफान से प्रभावित लोगों से मुलाकात की)
विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रूसी दावे सही नहीं हैं और अमेरिकी अधिकारी तीनों इमारतों से रूसी दूतावास के कर्मचारियों के निकलने तक उन लोगों के साथ थे। विदेश मंत्रालय की ओर से आज संवाददताओं को ईमेल किए गए बयान में अधिकारी ने नाम उजागर किए बिना कहा, ये जांचें केंद्रों की सुरक्षा के लिए और यह पुष्टि करने के लिए की गई थीं कि रूसी सरकार ने परिसर खाली कर दिया है।
सैन फ्रांसिस्को में रूस के महावाणिज्य दूतावास और वाशिंगटन एवं न्यूयार्क में व्यापार कार्यालय बंद किए जाने से रूस नाराज है। अमेरिका ने ये कदम मास्को के पिछले माह के फैसले के चलते उठाए हैं। मास्को ने अमेरिका को रूस में अपने राजनयिक कर्मचारियों की संख्या को 455 तक सीमित करने के लिए कहा है। मास्को ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह इन केंद्रों को बंद करके अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर रहा है। हालांकि अमेरिका इस आरोप को नकार रहा है।
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