वाशिंगटन: अमेरिका का न्याय विभाग सऊदी अरब के उस अधिकारी के नाम का खुलासा करेगा जिसका 11 सितंबर 2001 को हमले करने वाले अल-कायदा के आतंकवादियों से कथित तौर पर संबंध था। लंबे समय तक इस अधिकारी के नाम को गुप्त रखा गया। हमले के पीड़ितों के परिवारों द्वारा वर्षों से बनाए जा रहे दबाव पर एफबीआई और न्याय विभाग ने इस विशिष्ट मामले की परिस्थितियों के मद्देनजर सऊदी अरब के अधिकारी के नाम का खुलासा करने का फैसला किया है।
यह मामला सऊदी अरब सरकार के लिए शर्म का विषय है जो अल-कायदा से संपर्क को लगातार खारिज करती रही है। इस व्यक्ति ने कुछ हमलावरों के अमेरिका पहुंचने के बाद कथित तौर पर उनकी मदद की थी। इन सभी 19 लोगों में से 15 सऊदी अरब के थे और उन्होंने चार एयरलाइनों का अपहरण करने और उन्हें न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, पेंटागन और संभवत: व्हाइट हाउस या संसद पर गिराने की साजिश में भाग लिया था।
न्यूयॉर्क, वाशिंगटन और पेन्सिलवेनिया में हुए हमलों में करीब 3,000 लोग मारे गए थे और पीड़ित परिवारों ने सऊदी अरब सरकार पर मुआवजे की मांग करते हुए मुकदमा किया था। साल 2002 में हमलों की एक आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया था कि कुछ हमलावरों को सऊदी अधिकारियों से धन मिला था। इन अधिकारियों में से कम से कम दो सऊदी खुफिया अधिकारी थे। उस समय ये दोनों अधिकारी फहाद अल-थुमैरी और उमर-अल-बायूमी उस समय अमेरिका में सऊदी अरब दूतावास में तैनात थे।
बाद की जांचों में इस दावे को खारिज किया गया कि वे अपहरण करने वालों के साथ शामिल थे लेकिन 2012 में एफबीआई रिपोर्ट में इन आरोपों को दोहराया गया तथा तीसरे व्यक्ति का भी जिक्र किया गया जिसने संभवत: उन्हें निर्देश दिए थे। हालांकि तीसरे व्यक्ति का नाम गुप्त रखा गया। ऐसे कयास लगाए गए कि इस शख्स का ताल्लुक सऊदी अरब के शाही परिवार से है।
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