वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर किए गए हमले में ईरान की कुद्स फोर्स के कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद मध्यपूर्व एशिया में हालात तनावपूर्ण हैं। सुलमानी की मौत के बाद पैदा हुई परिस्थितियों को देखते हुए अमेरिका ने इस वीकेंड तक मध्यपूर्व में लगभग 3,500 और सैनिकों की तैनाती का फैसवा लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 82वें एयरबोर्न डिवीजन से अतिरिक्त सैनिकों को इराक, कुवैत और क्षेत्र के अन्य हिस्सों में तैनात किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि सैनिक इस क्षेत्र में पहले से तैनात 650 अन्य लोगों के साथ शामिल होंगे और करीब 60 दिनों तक रहेंगे। पेंटागन ने एक बयान में कहा, ‘जैसा कि पहले घोषणा की गई थी कि 82वें एयरबोर्न डिवीजन की तत्काल प्रतिक्रिया बल (IRF) ब्रिगेड को तैनाती के लिए सतर्क किया गया था, और अब उन्हें तैनात किया जा रहा है। ब्रिगेड कुवैत में अमेरिकी कर्मियों और फैसिलिटीज के खिलाफ बढ़ते खतरे के स्तर के जवाब में एक उपयुक्त और एहतियाती कार्रवाई के रूप में सैनिकों की तैनाती करेगी।’
पेंटागन का ताजा कदम ईरान के इस्लामिक रेवोल्यूशन गार्ड कॉर्प्स के कुद्स फोर्स के कमांडर सुलेमानी की मौत के बाद आया है। हवाई हमले में सुलेमानी के साथ इराकी मिलिशिया पॉप्युलर मोबिलाइजेशन फोर्स (PMF) के कमांडर अबू महदी अल-मुहांदिस भी मारे गए। दोनों की मौत बगदाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास अमेरिका के ड्रोन हमले में हुई। गौरतलब है कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयासुल्ला अली खामेनी और राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अमेरिका से मेजर जनरल की मौत का बदला लेने और उसे करारा जवाब देने का संकल्प लिया है।
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