नई दिल्ली: अमेरिका ने जमात-उल-दावा (JuD) के चीफ हाफिज सईद की रिहाई पर कड़ी आपत्ति जताई है, उन्होनें कहा, ''यह अमेरिका-पाकिस्तान के बीच सामरिक रिश्तों के विरुद्ध उठाया गया कदम है''। अमेरिका ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। व्हाइट हाउस प्रेस सचिव के कार्यालय ने कहा ''हम पाकिस्तान द्वारा लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक हाफिज सईद को हाऊस अरेस्ट से रिहा किए जाने की निंदा करते है और उसे फिर गिरफ्तार कर मुकदमा चलाने की मांग करते है।
''पाकिस्तान एक अंतर्राष्ट्रीय आंतकी को सजा नही दिला पाया, यह आतंकवाद के खिलाफ उसकी लड़ाई पर सवाल खड़े करता है। यदि पाकिस्तान हाफिज के खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही नहीं करता है तो यह उसके द्विपक्षीय संबंधों और अंतर्राष्ट्रीय छवि के लिए अच्छा नही होगा''।
पाकिस्तान सरकार ने हाफिज सईद को शुक्रवार को हाऊस अरेस्ट से रिहा कर दिया था, उसे जनवरी से आतंकवादी गतिविधियों के चलते अरेस्ट किया गया था। अपनी रिहाई के बाद JuD चीफ ने कहा कि ''हम पूरे पाकिस्तान में कश्मिरियों के लिए इकठ्ठठे होगें और कश्मीर को आजाद करेंगे। मैं खुश हूं कि मेरे खिलाफ कोई आरोप साबित नहीं हुए और लाहौर हाईकोर्ट ने मुझें रिहा कर दिया, भारत द्वारा मुझपर लगाए गए आरोप बेबुनियाद है। कोर्ट का फैसला ये साबित करता है कि मैं बेगुनाह हूं और अमेरिका ने भारत के कहने पर पाकिस्तान पर दबाव बनाया जिसके बाद मुझे हाउस अरेस्ट किया गया था।‘’
लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक सईद पर अमेरिका में एक करोड़ डॉलर का इनाम है। उसे संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने आतंकी घोषित कर रखा है। भारत के विदेश मंत्रालय ने सईद की रिहाई पर कहा था कि ''एक बार फिर साबित कर दिया कि आतंकवाद फैलाने वाले लोग और समूह जिन्हें संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी का दर्जा दे रखा है, उनको न्याय के कटघरे में लाने में पाकिस्तान की सरकार बिलकुल भी गंभीर नहीं है।''
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