वॉशिंगटन: म्यांमार में रोहिंग्या उग्रवादियों द्वारा हिंदुओं के कत्लेआम पर अमेरिका ने गहरी चिंता जताते हुए एक बड़ा बयान दिया है। अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (ARSA) द्वारा म्यांमार के रखाइन प्रांत में कथित तौर पर हिंदू ग्रामीणों की हत्या को लेकर मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट पर अमेरिका ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका ने गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि अशांत रखाइन प्रांत में मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में विश्वसनीय एवं निष्पक्ष जांच की अविलंब आवश्यकता है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया,‘अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (ARSA) द्वारा हिंदू ग्रामीणों की हत्या से संबद्ध एमनेस्टी की रिपोर्ट से हम बेहद व्यथित हैं।’ इस रिपोर्ट ने रखाइन प्रांत में हुई हिंसा को लेकर विश्वसनीय एवं निष्पक्ष जांच की तत्काल आवश्यकता को भी रेखांकित किया है ताकि ठोस आधार पर सभी तथ्यों को निर्धारित कर म्यांमार हिंसा के दोषियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने और पीड़ितों को न्याय मिले। प्रवक्ता ने बताया,‘अमेरिका इस तरह की रिपोर्ट का लगातार समर्थन करता रहेगा।’
इस सप्ताह शुरुआत में एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि बंदूक एवं तलवारों से लैस रोहिंग्या सशस्त्र विद्रोहियों का समूह 99 हिंदू महिलाओं, पुरुषों एवं बच्चों के नरसंहार के साथ अगस्त 2017 में अन्य लोगों की हत्याओं के लिए जिम्मेदार है। बहरहाल बर्मा टास्क फोर्स ने एमनेस्टी की इस रिपोर्ट की निंदा की है। इस बीच अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने म्यांमार में कथित जातीय सफाए के मुद्दे के समाधान के लिए नेशनल डिफेंस अथॉराइजेशन ऐक्ट,2019 पारित किया है।
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