वाशिंगटन: अमेरिका ने सभी श्रेणियों में H-1B वर्क वीजा की त्वरित प्रक्रिया का काम फिर शुरू कर दिया है। हालांकि इन वीजा में कांग्रेस द्वारा लगाई गई सीमा को तय रखा गया है। पांच माह पहले ही बड़ी संख्या में आए इन वीजा आवेदनों से निपटने के लिए इसे अस्थायी तौर पर स्थगित कर दिया गया था। यह वर्क वीजा भारत के आईटी पेशेवरों के बीच बहुत लोकप्रिय है। H-1B वीजा एक गैर आव्रजक (non-immigrant) वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विशेषज्ञता वाले पेशों में विदेशी कर्मचारियों को तैनात करने की अनुमति देता है। हर साल हजारों कर्मचारियों को तैनात करने के लिए प्रौद्योगिकी कंपनियां इसी वीजा पर निर्भर रहती हैं।
मीडिया में आई एक विज्ञप्ति में कहा गया कि यूएस सिटीजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज ने कल वित्त वर्ष 2018 के लिए H-1B वीजा याचिकाओं की प्रीमियम प्रोसेसिंग को शुरू कर दिया। वित्त वर्ष 2018 के लिए सीमा 65 हजार वीजा की रखी गई है। प्रीमियम प्रोसेसिंग का काम वार्षिक तौर पर 20,000 अन्य याचिकाओं के लिए भी शुरू किया गया है। जब कोई याचिकाकर्ता एजेंसी की प्रीमियम सेवा का लाभ लेता है तो यूएससीआईएस 15 दिन में वीजा पर काम होने का दावा करता है।
यूएससीआईएस ने कहा, यदि वीजा आवेदन पर काम करने की 15 दिनों की सीमा में काम नहीं होता तो एजेंसी याचिकाकर्ता के प्रीमियम प्रोसेसिंग सेवा शुल्क को वापस नहीं करेगी और त्वरित गति से आवेदन के निपटान की कोशिश जारी रखेगी। यूएससीआईएस ने कहा कि यह अतिरिक्त सेवा सिर्फ लंबित याचिकाओं के लिए है।
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