बेथलेहम/जेरुसलम: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जेरुसलम को इस्राइल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के हालिया फैसले के बाद क्रिसमस के मौके पर यहां इस पवित्र भूमि के लोगों में पहले जैसा उत्साह नहीं है। इस मौके पर यहां हजारों लोग आते थे लेकिन इस बार वैसा माहौल नहीं है। गौरतलब है कि 6 दिसंबर 2017 को ट्रंप ने जेरुसलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता दी थी और अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से जेरुसलम ले जाने का निर्देश दिया था।
गौरतलब है कि यहां कभी मध्यरात्रि की प्रार्थना के बाद मंगेर स्क्वायर पर पर्यटक और स्थानीय लोगों में जगह के लिए धक्का-मुक्की होती थी लेकिन इस बार यह जगह खाली पड़ी थी। इस साल क्रिसमस पर स्थानीय दुकानदारों के चेहरों पर निराशा छाई हुई है क्योंकि खरीददार नजर ही नहीं आ रहे हैं। ईसा मसीह से जुड़ी चीजें बेचनेवाले माइकल कुमसियेह ने इस स्थिति के लिए डोनाल्ड ट्रंप को दोषी ठहराया है। कुमसियेह ने कहा, 'वह सिर्फ समस्या उत्पन्न करते हैं। वह किसी चीज का समाधान नहीं करते हैं।'
यहीं पर कॉफी बेचने वाले कादेर ने कहा, 'काफी खराब स्थिति है। कोई जश्न नहीं, कोई पर्यटक नहीं और सभी लोग उदास हैं।' जैसा कि हमने आपको बताया ट्रंप ने 6 दिसंबर को जेरुसलम को इस्राइल की राजधानी घोषित किया था जिसके बाद दुनिया के तमाम देशों ने इस फैसले के लिए उनकी आलोचना की थी। ट्रंप के इस फैसले के बाद इस क्षेत्र में हिंसा भड़क गई और दुनियाभर में विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
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