वॉशिंगटन। अमेरिका के एक मीडिया संगठन ने भारत से कश्मीर में इंटरनेट एवं संचार सेवाओं को बहाल करने का आग्रह किया है। घाटी में कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए एहतियाती कदम उठाते हुए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। कश्मीर में अधिकारियों ने संवेदनशील क्षेत्रों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों में सुरक्षा बढ़ा दी है। इसके अलावा मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है और कई नेताओं को "गिरफ्तार" या फिर "हिरासत" में लिया गया है।
अमेरिका के कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) ने बयान में जम्मू - कश्मीर में संचार सेवाओं को बाधित करने पर चिंता व्यक्त की है। सीपीजे की एशिया कार्यक्रम की वरिष्ठ शोधकर्ता आलिया इफ्तिखार ने कहा , " कश्मीर में इस अहम वक्त में संचार सेवाओं को बाधित करना स्वतंत्र प्रेस से सूचनाएं पाने के नागरिकों के अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है।
" उन्होंने कहा , " हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रशासन से आग्रह करते हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि कश्मीर में संचार सेवाओं पर लगी रोक को हटाई जाए और पत्रकार स्वतंत्र रूप से रिपोर्ट कर सके। लोकतंत्र में संचार को बाधित करने की कोई जगह नहीं है। "
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