कोरोना वायरस के कहर के बीच अमेरिका में कामबंदी का खतरा, लोग खरीद रहे गोला-बारूद
कोरोना वायरस के प्रकोप से लड़ने के लिए देशभर में अधिकारियों ने अमेरिकी जनजीवन के कई आवश्यक पहलुओं पर रविवार को रोक लगा दी।
शिकागो: कोरोना वायरस के प्रकोप से लड़ने के लिए देशभर में अधिकारियों ने अमेरिकी जनजीवन के कई आवश्यक पहलुओं पर रविवार को रोक लगा दी। स्वास्थ्य अधिकारियों ने 50 या उससे अधिक लोगों को एकजुट न होने देने की अनुशंसा की है वहीं एक सरकारी विशेषज्ञ का कहना है कि देश में 14 दिन के लिए कामबंदी की घोषणा जरूरी हो सकती है। कोरोना वायरस का संकट गहराने के बीच विभिन्न राज्यों के गवर्नर और मेयर रेस्तरां, बार और स्कूल बंद करने के आदेश दे रहे हैं।
विदेश से लौटे यात्रियों की लंबी कतारें
विदेश यात्राओं से घर लौट रहे यात्री बड़े एयरपोर्ट्स पर स्क्रीनिंग के चलते घंटों कतार में खड़े रहने को मजबूर हैं। ऐसे में एयरपोर्ट्स पर काफी भीड़ हो जाती है और स्वास्थ्य अधिकारी लोगों से ऐसी जगहों से बचने की अपील कर रहे हैं। आर्थिक मंदी के आसन्न खतरे को देखते हुए फेडरल रिजर्व ने अपने निर्देशित ब्याज दर को घटा कर लगभग 0 कर दिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति पर ‘जबर्दस्त नियंत्रण’ की घोषणा करते हुए तनावग्रस्त राष्ट्र को आश्वस्त करने का प्रयास किया और लोगों से किराने का सामान खरीदने को लेकर हाय-तौबा नहीं मचाने की अपील की।
बंदूक और गोला-बारूद खरीद रहे लोग
गन स्टोर से लोग हथियार और गोला-बारूद खरीद कर अपने पास रख रहे हैं। अमेरिका के टॉप डॉक्टर एंथनी फोसी ने कहा कि वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश में 14 दिन तक कामंबदी लागू की जानी चाहिए, लेकिन ट्रंप की तरफ से ऐसा कोई इशारा नहीं मिला है। इस बीच अमरेका के नियंत्रण एवं बचाव केंद्र (CDC) ने एक अनुशंसा जारी की है: क्योंकि बड़े कार्यक्रमों से बीमारी फैल सकती है, इसलिए देश में अगले 8 हफ्तों तक 50 या उससे अधिक लोगों के एकजुट होने संबंधी सभी कार्यक्रम रद्द किए जाएं या टाले जाएं।
CDC ने एहतियात बरतने को कहा
CDC ने कहा कि किसी भी कार्यक्रम में एहतियात बरता जाना चाहिए और यह तय करना चाहिए कि लोग अपने हाथ धो रहे हैं और एक-दूसरे के ज्यादा पास नहीं जा रहे हैं। CDC के बयान में यह भी कहा गया है कि यह अनुशंसा ‘स्कूल, उच्च शिक्षण संस्थानों या कारोबारों जैसे संगठनों के नियमित कार्य विधि पर लागू नहीं होती।’ केंद्र के इस बयान को सही संतुलन बनाने में आ रही कठिनाई के संकेत के रूप में देखा जा सकता है। चेतावनी से पहले ही देश के कई हिस्से भूतिया कस्बों में तब्दील हो गए हैं और अन्य भी इस राह पर चलते दिख रहे हैं जिन्होंने स्कूल, पार्क, बार और रेस्तरां आदि बंद कर दिए हैं।