वाशिंगटन: अमेरिका के सरकारी सूत्रों ने यहां कहा कि विदेश विभाग ने भारत को 22 प्रीडेटर गार्जयिन ड्रोन के निर्यात के लिये अनिवार्य लाइसेंस जारी कर दिया है। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में हुई पहली द्विपक्षीय मुलाकात के कुछ ही दिनों बाद उठाया गया है। (चीन अंतरिक्ष में भेज रहा था दूसरा सबसे भारी रॉकेट, लॉन्चिंग हुई फेल)
सूत्रों ने बताया कि विदेश विभाग ने डीएसपी-5 गार्जयिन निर्यात लाइसेंस जारी किया है। डीएसपी-5 श्रेणी लाइसेंस सैन्य सामग्री के स्थायी निर्यात के लिये जारी किया गया है। गार्जयिन ड्रोन से हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की नौवहन निगरानी क्षमताओं में इजाफा होगा।
बीते 26 जून को हुई मोदी और ट्रंप की पहली मुलाकात के दौरान अमेरिका ने यह फैसला लिया था। मुलाकात के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत को ड्रोन बिक्री की घोषणा की थी। गार्जियन ड्रोन से हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की नौसैनिक सर्विलांस क्षमता में इजाफा होगा। इन ड्रोन की अनुमानित कीमत दो अरब डॉलर (करीब 12928 करोड़ रुपये) है। गार्जियन ड्रोन को निर्माण जनरल एटॉमिक्स करती है। मानवरहित विमान क्षेत्र की यह अग्रणी कंपनी है।
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