वॉशिंगटन: प्रभावशाली संरा सुरक्षा परिषद में आज अमेरिका अलग थलग पड़ गया। सदस्य देशों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा येरुशलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के फैसले पर अमेरिका से किनारा कर लिया। यहां तक कि ब्रिटेन और फ्रांस जैसे अमेरिका के करीबी सहयोगियों ने भी इस फैसले के लिए अमेरिका को खुलेआम फटकार लगाई।
संरा की 15 सदस्यीय प्रभावशाली संस्था की आपात बैठक में केवल अमेरिकी राजदूत निक्की हैली ने ही येरुशलम पर ट्रंप के फैसले का समर्थन किया। ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी और स्वीडन ने संयुक्त वक्तव्य में कहा, ‘‘येरुशलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने और अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से येरुशलम ले जाने की तैयारियों के अमेरिका के फैसले से हम असहमत हैं। यह सुरक्षा परिषद के संकल्पों के अनुरूप नहीं है और क्षेत्र में शांति की संभावनाओं के मद्देनजर भी मददगार नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि येरुशलम का दर्जा इस्राइल और फलस्तीन के बीच बातचीत के जरिए तय किया जाना चाहिए ताकि उसके दर्जे पर अंतिम समझौता हो सके। ट्रंप के फैसले का मजबूती से बचाव करते हुए हैली ने संरा सुरक्षा परिषद को सूचित किया कि अमेरिका ने यह फैसला अच्छी तरह जानते समझते लिया है कि इससे सवाल और चिंताएं उठेंगी।
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