आतंकियों के खात्मे के लिए पाकिस्तान के साथ काम करना चाहता है US: मैटिस
एक सवाल के जवाब में अमेरिकी रक्षामंत्री जिम मैटिस ने कहा है कि अमेरिका आतंकवाद से लड़ने के लिए पाकिस्तान के साथ काम करना चाहता है।
वॉशिंगटन: अमेरिकी रक्षामंत्री जिम मैटिस ने कहा है कि अमेरिका आतंकवाद से लड़ने के लिए पाकिस्तान के साथ काम करना चाहता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोई भी जिम्मेदार देश ऐसा करेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते सोमवार को अफगानिस्तान तथा दक्षिण एशिया नीति की घोषणा की थी। मैटिस से पूछा गया कि इस पर पाकिस्तान की क्या प्रतिक्रिया थी, जिसके जवाब में उन्होंने यह कहा। मैटिस ने इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया कि आतंकियों और आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान को कोई समय सीमा दी गई है या नहीं।
मैटिस ने कहा, ‘हम आतंकियों को मार गिराने के लिए पाकिस्तान के साथ काम करना चाहते हैं। मेरा मानना है कि कोई भी जिम्मेदार देश ऐसा ही करता है।’ विदेश मंत्रालय ने कांग्रेस को सूचित किया था कि पाकिस्तान को 25.2 करोड़ डॉलर की विदेशी सैन्य सहायता पर विराम लगाया गया है। मंत्रालय ने 30 अगस्त को यह मंशा जताई थी कि वह विदेशी सैन्य वित्तपोषण (FMF) में 2016 में डाली गई इस राशि को सशर्त बनाना चाहता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया, ‘इसके साथ ही मंत्रालय विदेश इन निधियों के व्यय और उन्हें किसी खास तरह के विदेशी सैन्य वित्तपोषण (FMF) विक्रय अनुबंधों के लिए आवंटित करने पर विराम लगा रहा है। हमारी नई दक्षिण एशिया नीति के अनुकूल, इस फैसले के जरिए हम पाकिस्तान में परियोजनाओं के लिए नए सुरक्षा संबंधी संसाधनों का वादा करने से पहले उसके पाकिस्तान साथ हमारे सहयोग के स्तर की लगातार समीक्षा करने के लिए लचीला रुख अपना सकते हैं।’
ट्रंप प्रशासन ने बुधवार को कांग्रेस को सूचित किया कि पाकिस्तान को सैन्य सहायता के रूप में 25.5 करोड़ डॉलर वह एक एस्क्रो खाते में रख रहा है जिसका इस्लामाबाद तभी इस्तेमाल कर पाएगा जब वह अपने यहां मौजूद आतंकी नेटवर्कों पर और कार्रवाई करेगा, वे आतंकी नेटवर्क जो पड़ोसी अफगानिस्तान में हमले कर रहे हैं। एस्क्रो खाता वह खाता होता है जिसमें पैसा इस शर्त पर जमा करवाया जाता है कि धनराशि का इस्तेमाल तब तक नहीं किया जा सकेगा जब तक कि पहले से तय शर्तें पूरी नहीं हो जाती। पाकिस्तान ने वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों के साथ कम से कम 3 हाई प्रोफाइल बैठकें रद्द कर दी थी। इसमें पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ का अमेरिकी दौरा जिसमें वह विदेश मंत्री रैक्स टिलरसन से मुलाकात करने वाले थे, वह भी रद्द कर दिया गया।