वॉशिंगटन: व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने हांगकांग, ताइवान, दक्षिण चीन सागर और भारत-चीन सीमा समेत दुनिया के अन्य हिस्सों में चीन की बढ़ती आक्रामकता पर चिंता जतायी है। उन्होंने कहा कि बीजिंग के साथ सैन्य गतिरोध के दौरान अमेरिका नयी दिल्ली के साथ खड़ा रहा। पहचान जाहिर नहीं करने का अनुरोध करते हुए अधिकारी ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान अमेरिका-भारत सुरक्षा के सभी पहलुओं और रक्षा सहयोग को मजबूत किया। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हांगकांग, ताइवान, दक्षिण चीन सागर और भारत-चीन सीमा समेत दुनिया के अन्य हिस्सों में चीन की बढ़ती आक्रामकता पर हम बहुत चिंतित हैं।’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘पिछले छह-सात महीने से सीमा पर चीन के आक्रामक रवैये के दौरान हम भारत के साथ खड़े रहे। हमने उन्हें (भारत को) साजो सामान मुहैया कराए हैं। हम भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं, चीन के सामने खड़ा होने के लिए हमने भारत को नैतिक समर्थन दिया है और सुनिश्चित किया है कि हालात का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान हो।’’ मई की शुरुआत से ही भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध चल रहा है। दोनों पक्षों के बीच सैन्य और राजनयिक स्तर पर कई चरण की वार्ता हुई है। हालांकि अब तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है।
अधिकारी ने कहा कि ट्रंप के कार्यकाल के दौरान अमेरिका, भारत को हथियार की आपूर्ति करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। अधिकारी ने कहा कि चीन के साथ सीमा पर गतिरोध के दौरान भारत के समर्थन में अमेरिका ने दो एमक्यू-9 (मानवरहित ड्रोन) भी पट्टे पर मुहैया कराए और इसकी बिक्री को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अमेरिका, वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भारतीय सेना को ठंड के अनुकूल पोशाक एवं आवश्यक सामग्री मुहैया कराएगा।
अधिकारी ने कहा, ‘‘अमेरिका ने देश हित को देखते हुए कुछ अपवादों को छोड़कर जनवरी 2018 में पाकिस्तान को सुरक्षा मद में दी जाने वाली आर्थिक मदद रोक दी। अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया में पाकिस्तान से हमें सहयोग भी मिल रहा है। हम लोग पाकिस्तान के साथ काम करते रहेंगे। हमें आशा है कि तालिबान के साथ वार्ता में पाकिस्तान मदद करता रहेगा।''
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