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चीन की टेक्नोलॉजी पर बैन का दायरा बढ़ा सकता है अमेरिका, गूगल-एप्पल स्टोर से हटाए जाएंगे चीनी Apps

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने बुधवार को चीन की प्रौद्योगिकी पर अमेरिका सरकार के प्रतिबंधों को बड़ा विस्तार देने का संकेत दिया।

चीन की टेक्नोलॉजी पर बैन का दायरा बढ़ा सकता है अमेरिका, गूगल-एप्पल स्टोर से हटाए जाएंगे चीनी Apps- India TV Hindi Image Source : PTI चीन की टेक्नोलॉजी पर बैन का दायरा बढ़ा सकता है अमेरिका, गूगल-एप्पल स्टोर से हटाए जाएंगे चीनी Apps

न्यूयॉर्क: अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने बुधवार को चीन की प्रौद्योगिकी पर अमेरिका सरकार के प्रतिबंधों को बड़ा विस्तार देने का संकेत दिया। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि गूगल और एप्पल ऐप स्टोर से इन ‘गैर-भरोसेमंद चीनी ऐप’ को हटा दिया जाए। वहीं बाहर के विशेषज्ञों की सोच में पोम्पियो के प्रस्ताव अस्पष्ट तथा संभवत: गैरकानूनी हैं।

पोम्पियो ने अमेरिका के लोगों द्वारा अमेरिका और चीन में अन्य लोगों से संपर्क के लिए इस्तेमाल की जा रही लोकप्रिय वीडियो ऐप टिकटॉक तथा मैसेजिंग ऐप वीचैट को अमेरिकी नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा के लिए बड़ा खतरा बताया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमें सीसीपी की सामग्री पर ‘सेंसरशिप’ के माध्यमों को नहीं भूलना है। सीसीपी से तात्पर्य चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से है। अमेरिका सरकार पहले से ही चीन की प्रौद्योगिकी कंपनियों के खिलाफ कदम उठा रही है। 

उदाहरण के लिए चीन की दूरसंचार उपकरण प्रदाता हुवावेई पर रोक लगाई गई है। यहीं नहीं अमेरिका अन्य देशों से भी हुवावेई के उपकरणों का इस्तेमाल नहीं करने को कह रहा है। अमेरिकी दूरसंचार कंपनियों पर हुवावेई तथा चीन की एक अन्य दूरसंचार उपकरण कंपनी जेडटीई से उपकरण और सेवाओं के लिए सरकार के कोष के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया है। 

राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए अमेरिका ने गूगल पर हुवावेई के फोन के लिए गूगल मैप्स जैसी अपनी एंड्रायड ऐप देने पर भी रोक लगाई गई है। संघीय संचार आयोग चीन की दूरसंचार कंपनियों के परिचालन को रोकने पर विचार कर रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है। हालांकि, इस कदम का कानूनी आधार अभी अनिश्चित है। जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर सुसान एरियल एरनसन ने ई-मेल के जरिये कहा, ‘‘यह सिर्फ एक पीआर स्टंट है। इसका कोई आधार नहीं है। कोई उद्देश्य नहीं है।’

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