वाशिंगटन: वैश्विक अधिकार समूह 'एमनेस्टी इंटरनेशल' के खिलाफ बेंगलुरू में देशद्रोह का मामला दर्ज होने के बाद अमेरिका इस संस्था के समर्थन में उतर आया है। एमनेस्टी ने कश्मीर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया था, जहां भारत विरोधी नारे लगाए गए थे। विदेश विभाग के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, "एमनेस्टी इंटरनेशनल के मामले को लेकर मुझे खेद है। जैसा कि हम दुनियाभर में करते हैं, हम अभिव्यक्ति की आजादी और सभा का समर्थन करते हैं।"
टोनर से कश्मीर में विभिन्न परिवारों की स्थिति पर 'ब्रोकन फैमलीज' नामक कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर भारत में इस संस्था के खिलाफ देशद्रोह का आरोप लगाए जाने के बारे में सवाल किया गया था। टोनर ने कहा, "इसकी जांच से संबंधित विवरण के लिए आपको पुलिस के पास जाना चाहिए, लेकिन निश्चित तौर पर मैं कहूंगा कि हम एमनेस्टी और अन्य की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का सम्मान करते हैं।"
टोनर की यह टिप्पणी कर्नाटक के गृहमंत्री जी. परमेश्वरा के यह कहने के एक दिन बाद आई है कि उन्होंने एमनेस्टी को 'कोई क्लीन चिट नहीं दी है।' एमनेस्टी ने 13 अगस्त को बेंगलुरू के युनाइटेड थियोलॉजिकल कॉलेज में कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें कश्मीर में शांति और न्याय पर चर्चा की गई थी। कार्यक्रम में तनावग्रस्त घाटी के तीन परिवारों ने कथित मानवाधिकार उल्लंघन के बारे में बताया था।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने शिकायत दर्ज कराई थी कि एमनेस्टी के प्रतिनिधियों और अन्य भागीदारों ने देश विरोधी नारेबाजी की थी और जम्मू एवं कश्मीर में भारतीय सेना की भूमिका की आलोचना की थी।
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