वॉशिंगटन: अमेरिका ने लेबनान के सशस्त्र समूह हिज्बुल्ला के खिलाफ अपना रुख और कड़ा करते हुए उसके दो कमांडरों पर इनाम की घोषणा की है। उसने अपने सहयोगी देशों से इस समूह को काली सूची में डालने को कहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान का मुकाबला करने के लिए इस हफ्ते के अंत में नई रणनीति की घोषणा करने वाले हैं लेकिन इस बीच वरिष्ठ अधिकारियों ने तेहरान के इस सहयोगी को सीरिया और लेबनान में अलग-थलग कर दिया है। (उत्तर कोरिया पर कार्रवाई करने के लिए ट्रंप ने की सलाहकारों से चर्चा)
हिज्बुल्ला क्षेत्र में शक्तिशाली सैन्य शक्ति है और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय हमलों में उसका हाथ होने की बात कही जाती है। उसका लेबनान की राजनीति में भी खासा दखल है। अमेरिका के कुछ सहयोगियों ने हिज्बुल्ला की सैन्य इकाई पर प्रतिबंध लगाए हैं जबकि समूह के राजनीतिक दल की भूमिका को स्वीकार कर लिया है। सरकार में कई लेबनानी शिया लोग इस पार्टी के प्रतिनिधि हैं। लेकिन अमेरिका के आतंकवाद रोधी प्रमुख निकोलस रासमसेन और आतंकवाद रोधी अभियान के एंबेसेडर एट लार्ज नदन सेल्स ने कहा कि वाशिंगटन इस अंतर को कभी भी स्वीकार नहीं करेगा।
सेल्स ने समूह के दो शीर्ष कार्यकर्ताओं पर इनाम की घोषणा करते हुए संवाददाताओं से कहा, हिज्बुल्ला का मुकाबला डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के लिए शीर्ष प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि विदेश विभाग हिज्बुल्ला के बाहरी सुरक्षा संगठन के कथित प्रमुख तलाल हमिया के बारे में जानकारी देने वाले को 70 लाख डॉलर देगा जबकि एक अन्य सैन्य कमांडर फौद शुक्र के बारे में जानकारी देने वाले को 50 लाख डॉलर दिए जाएंगे।
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