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Hindi News विदेश अमेरिका ‘दिवालिया’ होने के कगार पर पहुंचा अमेरिका, शुरू हो गया ‘शटडाउन’, जानें क्या होगा असर!

‘दिवालिया’ होने के कगार पर पहुंचा अमेरिका, शुरू हो गया ‘शटडाउन’, जानें क्या होगा असर!

कामकाज बंदी का अधिकांश असर सोमवार से दिखेगा जब संघीय सरकार के कर्मी अपने काम पर नहीं आ पाएंगे और उन्हें बिना वेतन के घर पर ही रहना होगा...

United States | AP Photo- India TV Hindi United States | AP Photo

वॉशिंगटन: अमेरिकी सीनेट द्वारा व्यय विधेयक खारिज कर दिए जाने के कारण 5 साल में पहली बार अमेरिकी सरकार का कामकाज शनिवार को औपचारिक रूप से बंद हो गया। इससे राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप का पहला साल अफरातफरी भरी स्थिति में पूरा हुआ। सीनेट ने सरकारी खजाने से संघीय सरकार के खर्चे के लिए अल्पकालिक व्यय विधेयक को मंजूरी नहीं दी जिससे ‘शटडाउन’ यानी कामकाज बंदी करनी पड़ी। यह ‘शटडाउन’ स्थानीय समयानुसार रात 12 बजकर एक मिनट पर तब शुरू हुई जब उस महत्वपूर्ण कदम को रोकने के लिए कुछ रिपब्लिकन भी डेमोक्रेट्स के साथ जुड़ गए जिससे पेंटागन और अन्य संघीय एजेंसियों को अल्पकाल के लिए कोष मुहैया हो जाता।

ट्रंप ने कामकाज बंदी के लिए डेमोक्रेट्स को जिम्मेदार बताया। यह प्रकरण ट्रंप द्वारा देश के 45वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लिए जाने के ठीक एक साल बाद हुआ है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘डेमोक्रेट टैक्स कटौती की बड़ी सफलता को क्षीण करने में मदद करने के लिए कामकाज बंदी चाहते हैं।’ अंतिम समय तक द्विदलीय बैठकों के बावजूद 16 फरवरी तक सरकार को कोष देने संबंधी विधेयक आवश्यक 60 मत हासिल नहीं कर पाया। सीनेट में इस अल्पकालिक व्यय विधेयक के समर्थन में 50 मत पड़े और विपक्ष में 48 मत पड़े। अल्पकालिक व्यय विधेयक को प्रतिनिधि सभा ने बृहस्पतिवार को पारित कर दिया था। यह डेमोक्रेट्स की रणनीति का हिस्सा है जिससे कि निर्वासन का सामना कर रहे अवैध आव्रजकों के मुद्दे पर राष्ट्रपति ट्रंप और रिपब्लिकनों को डेमोक्रेट्स के साथ चर्चा के लिए विवश किया जा सके।

कामकाज बंदी का अधिकांश असर सोमवार से दिखेगा जब संघीय सरकार के कर्मी अपने काम पर नहीं आ पाएंगे और उन्हें बिना वेतन के घर पर ही रहना होगा। ऐसा अनुमान है कि 8 लाख से ज्यादा संघीय कर्मी गैरहाजिर रहेंगे, केवल आवश्यक सेवाएं ही खुलेंगी। इससे पहले सरकार का कामकाज 2013 में बंद हुआ था। बजट प्रबंधन कार्यालय के निदेशक मिक मुल्वानी ने कहा कि कोशिश की जा रही है कि यह कामबंदी 2013 की कामबंदी के मुकाबले कम असरकारी हो। मुल्वानी ने कहा कि सेना अब भी काम करेगी, सीमाओं पर अब भी पहरेदारी होगी, दमकलकर्मी अब भी काम करेंगे और पार्क खुले रहेंगे, लेकिन इन सभी मामलों में लोगों को भुगतान नहीं किया जाएगा। 

गौरतलब है कि अक्टूबर 2013 में हुई पिछली कामबंदी 16 दिन तक चली थी। इससे पहले की कामबंदी 21 दिन चली थी जो 6 जनवरी 1996 को खत्म हुई थी। लेकिन हाल के इतिहास में यह पहली बार है जब कामबंदी ऐसे समय हुई है जब दोनों सदनों-प्रतिनिधि सभा और सीनेट और यहां तक कि व्हाइट हाउस भी एक ही पार्टी द्वारा नियंत्रित है।

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