न्यूयॉर्क: सीरिया पर अमेरिका के नेतृत्व में हुए हवाई हमलों के खिलाफ देश के कई शहरों में लोग सड़कों पर उतर आए। लोगों का यह विरोध न्यूयॉर्क और लॉस ऐंजिलिस में भी देखने को मिला। इस हमले के विरोध में न्यूयॉर्क के यूनियन स्क्वायर में जबर्दस्त प्रदर्शन हुए। न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के क्वीन्स कॉलेज के सहायक लेक्चरर गॉर्डन बार्न्स ने कहा, ‘मैं इसके खिलाफ हूं। यह मध्यपूर्व में अमेरिकी तानाशाही का एक और उदाहरण है।’ रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार को हुए इस प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले बार्न्स का कहना है कि मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि सैन्य हमलों से सीरिया में समस्याओं का समाधान होगा।
हाल के कुछ वर्षो में शरणार्थी संकट को लेकर हुए विवाद के बारे में पूछने पर बार्न्स ने कहा कि वह अमेरिका में शरणार्थियों को शरण देने के पक्ष में है क्योंकि अमेरिका इस संकट के लिए कहीं न कहीं जिम्मेदार है, सिर्फ सीरिया में ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों में भी। बर्न्स की तरह कई लोगों ने सीरिया में हवाई हमलों के विरोध पर चिंता जताई है। अन्य लोगों ने इस हमले की वैधता को लेकर सवाल उठाए हैं। न्यूयॉर्क शहर के एक निवासी ने कहा, ‘मेरा दिल सीरिया के उन निर्दोष लोगों के लिए पसीज रहा है, जो बेवजह इससे जूझ रहे हैं।’
गौरतलब है कि शुक्रवार रात को अमेरिका के नेतृत्व में फ्रांस और ब्रिटेन ने सीरिया पर संयुक्त हमला बोला था। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सीरियाई समकक्ष बशर अल असद द्वारा पूर्वी गूता के डौमा में कथित रासयनिक हमला करने के मद्देनजर यह कार्रवाई करने की बात कही थी। इस रासायनिक हमले में 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। एक तरफ जहां NATO, सऊदी अरब और बहरीन ने अमेरिकी हमलों का समर्थन किया है, वहीं चीन, रूस और ईरान जैसे देश इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं।
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