वॉशिंगटन: ट्रंप प्रशासन की पाकिस्तान को आतंकवाद रोधी अभियानों के वास्ते उसके सैन्य और साजो-सामान सहयोग के लिए दी जाने वाली राशि में 10 करोड़ डॉलर की कटौती करने और अगले वित्त वर्ष में उसे 80 करोड़ डॉलर की अदायगी करने की योजना है। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
प्रशासन ने गठबंधन सहयोग कोष (CSF) के तहत वार्षिक बजट प्रस्ताव में 10 करोड़ डॉलर की कटौती का प्रस्ताव पेश किया है। पेंटागन का यह कार्यक्रम उन सहयोगी देशों के खर्च की अदायगी करता है जिन्होंने आतंकवाद रोधी तथा चरमपंथी रोधी अभियानों में पैसा खर्च किया है। इस योजना के तहत पाकिस्तान सबसे ज्यादा धन पाने वाले देशों में से एक है। 2002 से अब तक वह 14 अरब डॉलर पा चुका है लेकिन पिछले 2 वर्षों में कांग्रेस ने उसे धन देने पर कुछ शर्तें लगाईं हैं।
अफगानिस्तान, पाकिस्तान और मध्य एशिया मामलों के लिए रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता एडम स्टंप ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2018 बजट प्रस्ताव CSF के तहत पाकिस्तान को 80 करोड़ डॉलर की राशि देने की बात करता है।’ CSF प्राधिकार कोई सुरक्षा सहयोग नहीं है, बल्कि यह अमेरिकी अभियानों में प्रमुख सहयोगी देशों को साजो-सामान, सैन्य तथा अन्य सहयोग के लिए रकम प्रदान करता है। वित्त वर्ष 2016 के लिए पाकिस्तान को CSF के तहत 90 करोड़ डॉलर प्राप्त करने के लिए अधिकृत किया गया था।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तानी सेना ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में जो अहम त्याग किया है, विभाग उसे मान्यता देता है, साथ ही अफगानिस्तान में मौजूद गठबंधन सेना के लिए पदार्थों की आवाजाही में पाकिस्तान के लगातार सहयोग की सराहना करता है।’ पाकिस्तान को इतनी बड़ी राशि दिए जाने की जरूरत को उचित ठहराते हुए पेंटागन ने कहा कि पाकिस्तान ने 2001 से स्थाई स्वतंत्रता अभियान में अहम साझेदार की भूमिका निभाई है और क्षेत्र में स्थायित्व लाने में वह अहम भूमिका निभाना जारी रखेगा।
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