वॉशिंगटन: अमेरिकी सांसदों के 21 सदस्यों वाले एक द्विदलीय समूह ने म्यांमार में सुरक्षा बलों द्वारा कथित तौर पर मानवाधिकार उल्लंघनों के बाद अपना घर छोड़कर पड़ोसी देश बांग्लादेश में शरण ले रहे रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे पर म्यांमार के खिलाफ प्रतिबंध लगाने और सैन्य सहायता निलंबित करने की मांग की है। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली को लिखे एक पत्र में सांसदों ने म्यांमार सरकार से रोहिंग्या के खिलाफ जातीय सफाई अभियान तत्काल समाप्त करने की मांग की है।
इसके अलावा सांसदों ने मांग की है कि म्यांमार पत्रकारों, मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले लोगों और तथ्यों की पड़ताल करने वाले संयुक्त राष्ट्र के कर्मियों को वहां पहुंचने की इजाजत दे। साथ ही संघर्ष को समाप्त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान के नेतृत्व में परामर्श आयोग द्वारा रखाइन राज्य के लिए तैयार की गई रिपोर्ट पर काम करने की मांग की गई है। सीनेट फॉरेन रिलेशंस कमेटी के सदस्यों द्वारा तैयार किए गए इस खत पर 21 सांसदों के हस्ताक्षर हैं। इस खत में हिंसा को समाप्त करने के लिए म्यांमार सरकार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने, म्यांमार के लोगों की मदद करने तथा इस बात को स्पष्ट करने को कहा गया है कि नागिरकों के खिलाफ इस तरह के अत्याचार में शामिल लोगों को इसके परिणाम भुगतने होंगे।
सांसदों का मानना है कि म्यांमार की सरकार बिना अंतर्राष्ट्रीय दबाव के इस हिंसा को समाप्त करने के लिए कदम नहीं उठाएगी। सांसदों ने हेली से मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाले इसके शीर्ष सैन्य अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने की अपील की है। खत में सांसदो ने कहा है, ‘हम आपसे आग्रह करते हैं कि आप संयुक्त राष्ट्र से एक जांच शुरू करने का अनुरोध करें जिससे मानवाधिकारों के उल्लंघन की घटनाओं को दर्ज कर ऐसा दस्तावेज तैयार किया जाए जो म्यांमार सरकार और इसके सुरक्षा बलों के भीतर दोषियों की पहचान करे और उसे जिम्मेदार ठहराए।’
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