सिडनी: अमेरिका के नये रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने शनिवार को कहा कि उनका देश जल्द ही एशिया में मध्यम दूरी तक मार करने वाली नई मिसाइलें तैनात करना चाहता है। इस कदम का उद्देश्य क्षेत्र में चीन के उभरते दबदबे की काट करना है। यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका मध्यम दूरी तक मार करने वाले पारंपरिक हथियार एशिया में तैनात करने पर विचार कर रहा है क्योंकि अब वॉशिंगटन ‘इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर फोर्सेस’ (INF) संधि से बंधा नहीं है, उन्होंने कहा, ‘हां मैं ऐसा करना चाहूंगा।’ आपको बता दें कि बीते काफी अरसे से चीन ने एशिया में अपना दबदबा कायम करने के लिए कई देशों में अपने बेस बना लिया है।
तैनाती की जगह छिपा गए एस्पर
एस्पर ने कहा कि वह मिसाइलों की तैनाती जल्द से जल्द करना चाहेंगे। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि अमेरिका इन हथियारों को कहां तैनात करना चाहता है? हालांकि माना जा रहा है कि मिसाइलों की तैनाती किसी ऐसी जगह पर होगी जहां से अमेरिका के लिए चीन पर नकेल कस पाना आसान होगा। एस्पर ने सिडनी जाते हुए अपनी फ्लाइट के दौरान ये बातें कहीं। उन्होंने कहा, ‘मैं चाहूंगा कि यह सब कुछ महीनों में हो जाए लेकिन इन चीजों में आपकी उम्मीद से अधिक समय लगता है।’ आपको बता दें कि अमेरिका शुक्रवार को INF संधि से हट गया था। अमेरिका ने रूस पर इसका वर्षों से उल्लंघन करना का आरोप लगाया।
क्या है इस संधि में
इस संधि पर 1987 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और सोवियत संघ के नेता मिखाइल गोर्बाचेव के बीच ने हस्ताक्षर किए थे। इसमें वॉशिंगटन और मास्को ने पारंपरिक और परमाणु मध्यम दूरी की मिसाइलों (500 से 5000 किलोमीटर) का इस्तेमाल सीमित करने पर सहमत हुए थे। एस्पर ने कहा कि चीन को अमेरिकी की योजना से हैरानी नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘इससे हैरान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम इस बारे में कुछ समय से बात कर रहे थे।’
Latest World News