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हिंद-प्रशांत क्षेत्र: भारत के साथ गुटबंदी की बात कर अमेरिका ने चीन को दिया कड़ा संदेश

इसके साथ ही यह बयान इस बात का भी संकेत देता है कि अमेरिका इस क्षेत्र में भारत के साथ करीबी रिश्ता रखना चाहता है।

Donald Trump, Xi Jinping and Narendra Modi | AP File- India TV Hindi Donald Trump, Xi Jinping and Narendra Modi | AP File

वॉशिंगटन: पिछले कुछ महीनों में अमेरिका और चीन के रिश्तों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर भी जारी है और दोनों ही तरफ से अक्सर उकसाने वाले बयान सुनने को मिल जाते हैं। अब अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा है कि अमेरिका हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र के राष्ट्रों की संप्रभुता सुनिश्चित करने के लिए भारत, आस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों को एकजुट कर रहा है। उन्होंने कहा है कि इस तरह इन देशों को किसी दबाव का सामना नहीं करना पड़ेगा।

पॉम्पियो का यह बयान चीन के लिए एक कड़ा संदेश माना जा रहा है। इसके साथ ही यह बयान इस बात का भी संकेत देता है कि अमेरिका इस क्षेत्र में भारत के साथ करीबी रिश्ता रखना चाहता है। खास बात यह है कि पॉम्पियो ने यह बयान क्षिण चीन सागर में अमेरिका, फिलीपींस और जापान की नौसेनाओं के साथ भारतीय नौसेना के संयुक्त नौसेना अभ्यास में भाग लेने के कुछ ही दिनों बाद दिया है। इस क्षेत्र में यह इस तरह का पहला अभ्यास था। आपको बता दें कि दक्षिण चीन सागर पर चीन अपना वर्चस्व दिखाने की कोशिश करता है।

पोम्पियो ने कैलीफोर्निया में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे समान विचार वाले राष्ट्रों को एकजुट कर रहे हैं ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र का प्रत्येक देश किसी तरह के भी दबाव से अपनी संप्रभुता की रक्षा कर सके।’ उन्होंने कहा कि यह स्वतंत्र एवं खुली व्यवस्था के प्रति एक व्यापक प्रतिबद्धता का हिस्सा है। पोम्पियो ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियां एशिया में महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में अमेरिका ने अपनी सैन्य उपस्थिति को मजबूत किया है। (भाषा)

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