वॉशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से ही अमेरिका और चीन के रिश्ते बद से बदतर होते जा रहे हैं। अब अमेरिका ने चीन को परमाणु टेक्नॉलडी का निर्यात रोकने की दिशा में कदम आगे बढ़ाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजिंग के खिलाफ दबाव की नीति में एक कदम और आगे बढ़ते हुए ट्रंप प्रशासन ने चीन को परमाणु प्रौद्योगिकी का निर्यात रोकने के लिए कदमों की घोषणा की। साथ ही अमेरिका ने आरोप लगाया है कि चीन गलत तरीके से संवेदनशील अमेरिकी प्रौद्योगिकी को हासिल करने की कोशिश कर रहा है।
निर्यात रोकने के संबंध में बृहस्पतिवार को ऊर्जा मंत्रालय द्वारा घोषणा के बाद ऊर्जा मंत्री रिक पेरी ने कहा, ‘अमेरिका-चीन असैन्य परमाणु सहयोग के तहत तय प्रक्रिया से इतर परमाणु प्रौद्योगिकी प्राप्त करने के चीन के प्रयासों के कारण उत्पन्न राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी चिंताओं को अमेरिका नजरअंदाज नहीं कर सकता है।’ अमेरिकी कंपनियों से परमाणु सामग्री, उपकरण और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी प्राप्त करने के चीन के प्रयासों से उत्पन्न चिंताओं के कारण अमेरिकी सरकार ने अपनी नीतियों की समीक्षा की और राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में ये कदम उठाए।
नई नीति के तहत चाइना जनरल न्यूक्लियर पावर ग्रुप से जुड़े किसी को भी नया लाइसेंस नहीं दिया जाएगा और ना ही उन्हें मिले पुराने लाइसेंस की अवधि बढ़ाई जाएगी। गौरतलब है कि चाइना जनरल न्यूक्लियर पावर ग्रुप पर अमेरिकी परमाणु प्रौद्योगिकी चुराने का आरोप है। कॉन्फ्रेंस कॉल के दौरान प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘परमाणु क्षेत्र में लाभ के लिए चीन दशकों से केन्द्र सरकार द्वारा तय एक ठोस नीति पर काम कर रहा है।’
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