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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अस्थायी सदस्यता के लिए हुई वोटिंग, भारत की सीट पक्की

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच अस्थायी सदस्यों के चयन के लिए बुधवार सुबह (न्यूयार्क समयानुसार) मतदान शुरू हुआ। इसमें भारत भी दावेदार है कि जिसकी जीत एशियाई प्रशांत समूह के सर्वसम्मत समर्थन से तय है।

<p>संयुक्त राष्ट्र...- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अस्थायी सदस्यता के लिए हुई वोटिंग, भारत की सीट पक्की

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच अस्थायी सदस्यों के चयन के लिए बुधवार सुबह (न्यूयार्क समयानुसार) मतदान शुरू हुआ। इसमें भारत भी दावेदार है कि जिसकी जीत एशियाई प्रशांत समूह के सर्वसम्मत समर्थन से तय है। संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देश मतदान में कोविड-19 के प्रति बरते जाने वाले एहतियाती उपायों पर अमल कर रहे हैं। प्रतिनिधि सामाजिक दूरी को बनाए रखने के लिए 20-20 के समूहों में महासभा कक्ष में मतदान के लिए गए।

संयुक्त राष्ट्र महासभा अध्यक्ष तिजानी मुहम्मद-बांदे ने बुधवार को न्यूयार्क समयानुसार सुबह नौ बजे (भारतीय समयानुसार (आईएसटी) शाम 6:30 बजे) मतदान शुरू करने का ऐलान किया। गुप्त मतदान के नतीजे भारतीय समयानुसार रात 11.30 बजे तक आ सकते हैं। भारत ने आतंकवाद से लड़ने और बहुपक्षवाद व समानता पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली के लिए प्रतिबद्धता के साथ अपना चुनाव अभियान चलाया। अपने अभियान दस्तावेज में, भारत ने '5-एस दृष्टिकोण' सम्मान, संवाद, शांति और समृद्धि, को पेश किया।

निर्वाचित होने पर, भारत एक जनवरी को संयुक्त राष्ट्र के सर्वोच्च निर्णय लेने वाले निकाय का दो साल का कार्यकाल शुरू करेगा, जिसमें दो अस्थायी एशियाई सदस्यों में से एक के रूप में वियतनाम भी शामिल होगा। वियतनाम, इंडोनेशिया की जगह लेगा जो इस वर्ष के अंत में अपना कार्यकाल पूरा कर लेगा।

भारत का निर्वाचन सुरक्षा परिषद में ऐसे समय में हो रहा है जब भारत परिषद के वीटो अधिकार प्राप्त स्थायी सदस्य चीन के साथ एक गंभीर क्षेत्रीय संघर्ष में उलझा हुआ है, जो परिषद में एक तरह से पाकिस्तान का संरक्षक भी है। भारत को कई अंतर्राष्ट्रीय आयामों वाले सीरियाई गृहयुद्ध, रूस के साथ यूक्रेन के विवाद, अमेरिका- या यह कहें कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का- ईरान के प्रति या इसके पतन के प्रति दबाव और यमन के युद्ध जैसे भयावह मुद्दों से निपटना होगा। लेकिन, यह अच्छा रहेगा कि कम से कम जब चीन परिषद में कश्मीर मुद्दे को उठाने की कोशिश करेगा, जैसा कि उसने हाल ही में दो बार किया है, तो भारत वहीं मौजूद होगा।

भारत के लिए एशिया-प्रशांत समूह के भारी समर्थन ने चीन और पाकिस्तान को भी भारत का समर्थन करने के लिए बाध्य कर दिया। यह आठवीं बार होगा जब भारत सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य निर्वाचित होगा।

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