सीरिया केमिकल अटैक: UN ने की सुरक्षा परिषद की आपात बैठक, महासचिव ने की संयम की अपील
: सीरिया के वायु ठिकाने पर अमेरिका के मिसाइल हमलों के बीच संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने आज संयम की अपील की एवं सीरिया में शांति के लिए नये सिरे से जोर दिया वहीं सुरक्षा परिषद ने एक आपात बैठक की।
संयुक्त राष्ट्र: सीरिया के वायु ठिकाने पर अमेरिका के मिसाइल हमलों के बीच संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने आज संयम की अपील की एवं सीरिया में शांति के लिए नये सिरे से जोर दिया वहीं सुरक्षा परिषद ने एक आपात बैठक की जिसमें फ्रांस एवं ब्रिटेन ने सीरिया में एक संदिग्ध रासायनिक हथियार हमले के जवाब में अमेरिका द्वारा की गयी सैन्य कार्रवाई का समर्थन किया।
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गुटेरेस ने कहा, मैं तनाव बढ़ने के खतरे को लेकर चिंतित हूं और ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचने की अपील करता हूं जिनसे सीरियाई लोगों की दिक्कतें बढ़ सकती हैं।
उन्होंने कहा, इन घटनाक्रमों ने मेरे इस विश्वास को रेखांकित किया है कि राजनीतिक हल के अलावा संकट के समाधान का कोई दूसरा रास्ता नहीं है।
बोलिविया के अनुरोध पर सुरक्षा परिषद की बैठक बुलायी गयी थी। बोलिविया ने अमेरिकी हमले को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताते हुए बैठक की मांग की थी।
रूस ने भी आपात बैठक की मांग करते हुए सैन्य कारवाई को एक संप्रभु देश के खिलाफ आक्रमण बताया और उसकी निंदा की थी। फ्रांस एवं ब्रिटेन ने सीरिया में छह साल से जारी युद्ध के अंत के लिए राजनीतिक वार्ता पर नये सिरे से जोर देने की मांग की।
आपको बता दें कि इस हमले के बारें में अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के आदेशों पर, अमेरिकी युद्धपोतों ने सीरिया की सरकार के एयरबेस पर 50-60 टोमाहॉक क्रूज मिसाइलें दागीं। यह वही एयरबेस है, जहां रासायनिक हमला करने वाले युद्धक विमान खड़े थे।
मार-ए-लागो रिजॉर्ट में ट्रंप ने कहा कि उन्होंने उस सीरियाई एयरबेस को निशाना बनाकर हमला करने के आदेश दिए थे, जहां से रासायनिक हमला बोला गया था। ट्रंप ने इसी आवास में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की।
सीरिया पर हमले का यह आदेश ट्रंप के रूख में नाटकीय बदलाव दिखाता है। चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने कहा था कि वह असद के शासन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई में अमेरिका के हिस्सा लेने के खिलाफ हैं।
ये मिसाइलें अमेरिकी युद्धपोतों से तड़के तीन बजकर 45 मिनट पर दागी गईं। इनके जरिए एयरबेस की हवाई पट्टियों, हैंगरों, नियंत्रण टावर और युद्धक सामग्री वाले क्षेत्रों को निशाना बनाया गया।