वाशिंगटन: भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टर विवेक मूर्ति ने कहा है कि ऐसा कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है जिससे यह सिद्ध हो सके कि कोरोना वायरस का ब्रिटेन में पाया गया नया और अधिक संक्रामक रूप ज्यादा घातक है। गौरतलब है कि नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने 43 वर्षीय मूर्ति को सर्जन जनरल पद के लिए चुना है। मूर्ति ने कहा कि यह मानने का कोई कारण उपलब्ध नहीं है कि विकसित किये जा चुके कोरोना वायरस के टीके वायरस के नए प्रकार पर प्रभावी नहीं होंगे।
उन्होंने कहा, “ब्रिटेन से जो खबर आ रही है उसके मुताबिक वायरस का एक नया स्ट्रेन (प्रकार) पाया गया है जो कि उस वायरस से अधिक संक्रामक है जो हमने पहले देखा है।” मूर्ति ने रविवार को एनबीसी न्यूज से कहा, “हालांकि ऐसा प्रतीत होता है कि यह अधिक संक्रामक है, लेकिन हमारे पास अभी तक ऐसे साक्ष्य मौजूद नहीं हैं जिनसे यह सिद्ध किया जा सके कि यह संक्रमण के शिकार व्यक्ति के लिए अधिक घातक है।”
इंग्लैंड के कुछ हिस्सों में कोरोना वायरस का एक नया प्रकार सामने आया है जो तेजी से फैल रहा है जिसके चलते कई देशों ने ब्रिटेन की यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है। माना जा रहा है कि वायरस का यह प्रकार या तो ब्रिटेन में किसी मरीज में उत्पन्न हुआ होगा या किसी ऐसे देश से आया हो सकता है जहां कोरोना वायरस के म्यूटेशन पर निगरानी रखने की क्षमता कम है।
मूर्ति ने कहा, “अगर आप घर पर हैं और यह खबर सुन रहे हैं तो एहतियात बरतने के हमारे वह उपाय नहीं बदलेंगे जिनसे वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है। कोविड के प्रसार को रोकने के लिए मास्क लगाना, सामाजिक दूरी रखना, हाथ धोना अब भी कारगर हैं।” मूर्ति अमेरिका के हडर्सफील्ड में प्रवासी भारतीय माता पिता के घर में 1978 में पैदा हुए थे । उनका परिवार भारत के कर्नाटक से अमेरिका के न्यूफाउंडलैंड में जाकर बस गया था जहां उनके पिता ने डिस्ट्रिक्ट मेडिकल आफिसर के रूप में कार्य किया।
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