वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आज एक ऐसे शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे जो एच1बी वीजा जारी करने की प्रक्रिया को कड़ा करेगा और प्रणाली की समीक्षा की मांग करेगा ताकि इन वीजा को देने के लिए पूरी तरह से नया तंत्र बनाया जाए। इस वीजा की भारतीय आईटी फर्मों और पेशेवरों के बीच काफी मांग है। ट्रंप बाय अमेरिका, हायर अमेरिका शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रतिनिधि सभा के स्पीकर पॉल रेयान के गृह राज्य विस्कान्सिन के मिलवौकी शहर जाएंगे।
यह अधिक कुशलता आधारित और योग्यता आधारित आव्रजन प्रणाली बनाने की दिशा में एक परिर्वतनकारी कदम है। इस शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए जाने से एक ही दिन पहले अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा ने घोषणा की थी कि उसने इस साल एक अक्तूबर से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2018 के लिए 65000 एच1बी वीजा के कांग्रेशनल आदेश के लिए उसे प्राप्त 1,99,000 याचिकाओं से कम्प्यूटरीकृत ड्रॉ पूरा कर लिया है।
यह लॉटरी अमेरिकी शैक्षणिक संस्थानों से उच्चतर शिक्षा प्राप्त प्रार्थियों के लिए 20,000 एच1 बी वीजा के लिए निकाली गई है। एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिाकरी ने एच1बी वीजा के लिए पारंपरिक लॉटरी प्रणाली का विरोध करते हुए व्हाइट हाउस के संवाददाताओं से कहा कि इन वीजा का उपयोग कंपनियां कम वेतन दर पर विदेशी कर्मियों को लाने और स्थानीय कर्मियों को विस्थापित करने के लिए कर रही हैं। अधिकारी ने तर्क दिया कि तकनीकी पेशेवरों की मांग को पूरा करने के लिए देश में पर्याप्त संख्या में योग्य लोग हैं।
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