वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सदस्य देशों के नेताओं के साथ बैठक में हिस्सा लेने के लिए अपनी पहली विदेशी यात्रा के तहत 25 मई को ब्रसेल्स जाएंगे। व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा राष्ट्रपति नाटो के प्रति हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता को फिर से पुष्ट करने और जिम्मेदारी बांटने एवं आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में नाटो की भूमिका पर विचार-विमर्श करने समेत गठबंधन के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए अपने नाटो समकक्षों के साथ मुलाकात करना चाहते हैं।
अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के तौर पर 20 जनवरी को कार्यभार संभालने के बाद ट्रंप की यह पहली विदेश यात्रा होगी। ट्रंप जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने गर्मियों में बाद में जर्मनी भी जाएंगे। इसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शिरकत करेंगे। ट्रंप ने मोदी को इस साल व्हाइट हाउस आने और मोदी ने ट्रंप को भारत आने का न्यौता दिया है। दोनों नेताओं ने निमंत्रण स्वीकार कर लिए हैं लेकिन अभी तारीख तय नहीं हुई है। यदि और कोई यात्रा नहीं होती है तो ट्रंप-मोदी की पहली मुलाकात जी-20 शिखर सम्मेलन में होने की उम्मीद है। ट्रंप का नाटो शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पहली यात्रा करना महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि आमतौर पर नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति अपनी पहली विदेश यात्रा अपने पड़ोसी देश में करता है।
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने कहा, राष्ट्रपति नाटो शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के अलावा 12 अप्रैल 2017 को महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग का व्हाइट हाउस में स्वागत करेंगे जहां दोनों नेता बातचीत करेंगे कि राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियों से निपटने के लिए गठबंधन को कैसे मजबूत किया जाए। इस बीच रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने पेंटागन में स्टोलटेनबर्ग से मुलाकात की जहां दोनों ने आईएसआईएस से लड़ने और अन्य मुद्दों सहित अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा की। विश्व के कई नेता आईएसआईएस विरोधी अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन की बैठक में हिस्सा लेने वाशिंगटन पहुंचे हैं।
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