वॉशिंगटन: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि वह रूस पर लगे प्रतिबंध हटा सकते हैं और यदि चीन अपनी मुद्रा एवं व्यापार नीतियों में सुधार नहीं करता है तो वह वन चाइना नीति के साथ खड़े नहीं होंगे। ट्रंप ने द वॉल स्ट्रीट जरनल में शुक्रवार को प्रकाशित एक इंटरव्यू में कहा कि वह अमेरिकी चुनाव को प्रभावित करने के लिए मास्को के कथित साइबर हमलों को लेकर पिछले महीने रूस पर अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को कम से कम कुछ समय के लिए बरकरार रखेंगे।
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उन्होंने कहा कि लेकिन यदि रूस हिंसक अतिवाद से निपटने जैसे अहम लक्ष्यों को हासिल करने में अमेरिका की मदद करता है तो वह दंडात्मक कदमों को हटा सकता है। ट्रंप ने कहा कि वह 20 जनवरी को कार्यभार ग्रहण करने के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करने को तैयार हैं। ट्रंप ने पुतिन की सराहना की और केवल अनिच्छा से अमेरिकी खुफिया विभाग के इस निष्कर्ष को स्वीकार किया कि रूसी हैकरों ने पुतिन के आदेश पर अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप किया।
ताइवान को राजनयिक रूप से मान्यता नहीं देने की अमेरिका की पुरानी नीति पर बात करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘वन चाइना समेत हर चीज पर बात की जा रही है।’ ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद ताइवान के राष्ट्रपति साई इंग वेन ने उन्हें बधाई देने के लिए फोन किया था। ट्रंप ने फोन पर वेन की बधाई स्वीकार करके चीन को पहले ही नाराज कर दिया है। उन्होंने इस कदम का बचाव करते हुए कहा, ‘हमने पिछले साल उन्हें 2 अरब डॉलर के सैन्य उपकरण बेचे। हम उन्हें 2 अरब डॉलर के आधुनिक सैन्य उपकरण बेच सकते हैं लेकिन हमें फोन कॉल स्वीकार करने की अनुमति नहीं है। फोन पर बात नहीं करना बहुत ही अशिष्ट व्यवहार होता।’
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