वॉशिंगटन: न्यूयॉर्क की एक अदालत ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भाई के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति की भतीजी मैरी एल. ट्रंप को परिवार के बारे में सारी जानकारी देने वाली किताब प्रकाशित करने से रोकने की मांग की थी। न्यायाधीश ने कहा कि यह अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर की बात है। सरोगेट्स कोर्ट के न्यायाधीश पीटर केली ने कहा कि यह मामला उनकी अदालत में उठाना उचित नहीं है, जहां सम्पत्ति को लेकर विवादों को सुलझाया गया है।
ट्रंप के बड़े भाई की बेटी हैं मैरी
मैरी ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति के बड़े भाई फ्रेड ट्रंप जूनियर की बेटी हैं। फ्रेड ट्रंप जूनियर का निधन 1981 में हो गया था। डोनाल्ड ट्रंप के भाई रॉबर्ट ट्रंप के वकीलों के दलील दी थी कि मैरी ट्रंप और अन्य ने 1990 के दशक के अंत में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जिसमें यह शर्त रखी गई थी कि वे ‘मुकदमेबाजी या उनके संबंधों के बारे में कोई जानकारी प्रकाशित नहीं’ करेंगे। यह समझौता डोनाल्ड ट्रंप के पिता फ्रेड ट्रंप की वसीयत से जुड़ा है। रॉबर्ट ने इसके तहत मैरी ट्रंप और किताब के प्रकाशक ‘साइमन एंड शूस्टर’ को इसका प्रकाशन करने से रोकने की मांग की थी।
व्हाइट हाउस ने नहीं की टिप्पणी
किताब के जुलाई में बाजार में आने की संभावना है। फैसले के बाद मैरी ट्रंप के वकील टेड बाउट्रस जूनियर ने कहा कि अदालत का फैसला सही है। उन्होंने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि इस फैसले के बाद मामला यहीं खत्म हो जाएगा। लोकतंत्र विचारों के मुक्त आदान-प्रदान पर जोर देता है और न ही इस अदालत और न ही किसी अन्य को संविधान का उल्लंघन करने का अधिकार है।’ व्हाइट हाउस की ओर से फैसले पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई है। ‘साइमन एंड शूस्टर’ के एक प्रवक्ता ने कहा कि प्रकाशन कम्पनी फैसले से ‘खुश’ है।
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