वाशिंगटन: अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री जॉन कैरी ने नाटो शिखर वार्ता में की गई राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणियों की निंदा करते हुए उन्हें “ शर्मनाक ” और “ विनाशकारी ” बताया है। ब्रसेल्स में हुई नाटो शिखर वार्ता में ट्रंप ने अपने सहयोगियों को यह कह कर चौंका दिया कि सदस्यों को रक्षा व्यय पर अपनी प्रतिबद्धताओं को दोगुना कर देना चाहिए। ट्रंप की अचानक की गई इस मांग से पहले वह जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल से उलझ गए थे और उन्होंने गैस संबंधों की वजह से जर्मनी को रूस का “ कैदी ” कहा था। (कुपोषण , पेयजल और दवाओं की कमी से जूझ रहा है उत्तर कोरिया: UN अधिकारी )
कैरी ने कल एक फेसबुक पोस्ट में कहा , “ मैंने किसी राष्ट्रपति को इस तरह की अजीब और गैर जरूरी बात करते हुए नहीं देखा जिस तरह की बातें राष्ट्रपति ट्रंप ने नाटो और जर्मनी के खिलाफ उग्र भाषण देकर की। यह शर्मनाक , हानिकारक और अमेरिका के हित के विपरीत जाने वाली बातें थीं। ” कैरी 2013 से 2017 तक विदेश मंत्री रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें ताज्जुब है कि जिस अमेरिकी राष्ट्रपति की पिछले साल की नाटो बैठक इतनी बड़ी “ असफलता ” थी , वह इस साल बेल्जियम में यह साबित करने क्यों चले गए कि वह यह “ नहीं समझते ” कि किस प्रकार से अहम संगठन अमेरिका की सुरक्षा और यूरोपवासियों के जीवन में कितना बड़ा अंतर लेकर आया है।
उन्होंने याद दिलाया कि 9/11 के हमले के बाद कैसे नाटो कंधे से कंधा मिलकार अमेरिका के साथ खड़ा रहा। कैरी ने आरोप लगाया कि ट्रंप ने अपने नाटो भाषण से “ अमेरिका को नुकसान ” पहुंचाया है और वह धीरे - धीरे देश की साख को दुनिया के नजर में खराब कर रहे हैं।
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