वाशिंगटन: उत्तर कोरिया द्वारा अपना सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण करने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने उकसावे और अस्थिरता लाने वाली गतिविधियों के लिए प्योंगयांग की निंदा की है। उत्तर कोरिया ने कल दावा किया था कि उसने अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टक मिसाइल में लगाए जाने वाले हाइड्रोजन बम का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। यह प्योंगयांग का छठवां और सबसे शक्तिशाली परमाणु परीक्षण था। इस परीक्षण से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है। (BRICS SUMMIT: पीएम मोदी ने कहा, शांति और विकास के लिए आपसी सहयोग जरूरी)
व्हाइट हाउस ने बताया कि आपसी सहयोग जारी रखने के अपने संकल्प के साथ ही दोनों नेताओं ने फोन पर उत्तर कोरिया की गतिविधियों को लेकर चर्चा की। बातचीत का ब्यौरा देते हुए व्हाइट हाउस ने कहा, दोनों ही नेताओं ने उत्तर कोरिया की लगातार उकसावे वाली और अस्थिरता लाने वाली गतिविधियों की निंदा की और मजबूत आपसी रक्षा प्रतिबद्धताओं की पुष्टि करते हुए परस्पर सहयोग बनाए रखने का संकल्प जताया। इस बातचीत के दौरान ट्रंप ने पूरी तरह से राजनयिक, परंपरागत और परमाणु क्षमताओं का इस्तेमाल करते हुए अमेरिका, इसके क्षेत्रों और सभी सहयोगियों की रक्षा करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
इससे पहले दिन में अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने उत्तर कोरिया को चेतावनी देते हुए कहा कि प्योंगयांग से मिलने वाली किसी भी चुनौती का जवाब बडे़ पैमाने पर सैन्य प्रतिक्रिया से दिया जाएगा। मैटिस ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, हमने यह साफ कर दिया है कि हमारे पास खुद की और अपने सहयोगियों दक्षिण कोरिया और जापान की, किसी भी हमले से बचाव करने की क्षमता है। हमारे सहयोगियों के बीच हमारी प्रतिबद्धता काफी मजबूत है। अमेरिका और गुआम सहित इसके अन्य क्षेत्रों, हमारे सहयोगियों पर आए किसी भी खतरे की वृहद सैन्य प्रतिक्रिया दी जाएगी और यह प्रतिक्रिया प्रभावी तथा जबर्दस्त होगी।
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