ट्रंप जाते-जाते दे गए चीन को नया सिरदर्द, ताईवान को हथियारों की बिक्री को दी मंजूरी
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने ताइवान को हथियारों की एक नई बिक्री की मंजूरी दे दी है।
वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने ताइवान को हथियारों की एक नई बिक्री की मंजूरी दे दी है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि उसने ताइवान को 28 करोड़ डॉलर के उन्नत सैन्य संचार उपकरणों की बिक्री की मंजूरी दे दी है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसने ‘‘प्राप्तकर्ता (ताइवान) की सुरक्षा को बेहतर बनाने और क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता, सैन्य संतुलन, अर्थव्यवस्था और प्रगति को बनाए रखने में मदद करने’’ और ‘‘ताइवान के मिशनों तथा परिचालन जरूरतों के लिहाज से उसकी सैन्य संचार क्षमता को आधुनिक बनाने के लिए’’ संचार उपकरणों की बिक्री को मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी ताइवान के रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए ट्रंप प्रशासन द्वारा हाल ही में उठाए गए कई कदमों में से एक है। उसका यह कदम चीन के लिए एक और झटका है।
चीन के 14 वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाया
हांगकांग की स्वायत्तता को कमजोर करने से संबंधित मामले में अमेरिका ने सोमवार को चीन के 14 वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया, जिनमें एक तिब्बती भी शामिल है। प्रतिबंधों की घोषणा करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति (एनपीसीएससी) द्वारा हांगकांग के लोगों की अपने प्रतिनिधि का चुनाव करने की क्षमता को प्रभावित किया गया। प्रतिबंधों में वीजा पर रोक भी शामिल है। उन्होंने कहा कि एनपीसीएससी के 14 उपाध्यक्षों को प्रतिबंधित सूची में शामिल किया गया है।
धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने वाले देशों में पाकिस्तान, चीन
अमेरिका ने पाकिस्तान और चीन को उन देशों की सूची में शामिल किया है, जहां धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन विशेष चिंता का विषय है। विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने यह जानकारी दी। पोम्पिओ ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि पाकिस्तान और चीन के अलावा म्यामां, इरिट्रिया, ईरान, नाइजीरिया, उत्तर कोरिया, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान को उस सूची में रखा गया है जो ‘‘धार्मिक स्वतंत्रता के व्यवस्थित, निरंतर एवं घोर उल्लंघन’’ में लिप्त हैं या फिर ये उल्लंघन होने दे रहे हैं’’। विदेश विभाग ने कोमोरोस, क्यूबा, निकारागुआ और रूस को विशेष निगरानी सूची में डाला है जहां की सरकारें ‘‘धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन’’ में या तो लिप्त हैं या उसे होने दे रही हैं।